मुंबई:शेयर बाजार में आज भी गिरावट का दौर जारी रहा. सोमवार के बाद लोगों को उम्मीद थी कि बाजार आज कुछ ऊपर जाएगा, लेकिन लोगों को निराशा ही हाथ लगी. आज भी बाजार की चाल सुस्त ही दिखाई दे रही है. शुरुआती सत्र में कमजोरी देखी जा रही है और इसके संकेतों से साफ है कि आज भी इसकी चाल धीमी ही रहने वाली है.
कैसे खुला बाजार और क्या है हाल
आज बाजार की शुरुआत के ओपनिंग मिनटों में बाजार में बड़ी गिरावट देखी जा रही है. सेंसेक्स में ओपनिंग के तुरंत बाद 882 अंकों की गिरावट देखी जा रही है और निफ्टी एकदम 17,000 के स्तर पर खुला है.
बाजार खुलने के 15 मिनट बाद कारोबार
बाजार खुलने के 15 मिनट बाद 9 बजकर 30 मिनट पर निफ्टी 167.80 अंक यानी 0.98 फीसदी की गिरावट के बाद 16,981 पर कारोबार कर रहा है. अब निफ्टी में 1 फीसदी से कम की गिरावट देखी जा रही है.
प्री-ओपनिंग में बाजार
बाजार खुलने से पहले प्री-ओपनिंग में सेंसेक्स 335.5 अंक यानी 0.58 फीसदी की गिरावट के बाद 57,156 पर कारोबार देखा जा रहा था और निफ्टी में भी 17,000 के नीचे के स्तर दिखाई दे रहे थे.
शेयर बाजारों के लिए दो महीने का सबसे खराब दिन, सेंसेक्स ने लगाया 1,546 अंक का गोता
घरेलू शेयर बाजार में सोमवार को करीब दो महीने में किसी एक दिन में सबसे बड़ी गिरावट आयी. वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बीच घरेलू बाजार में चौतरफा बिकवाली से बीएसई सेंसेक्स 1,546 अंक का गोता लगाकर 58,000 अंक से नीचे आ गया. बीएसई सेंसेक्स की शुरुआत गिरावट के साथ हुई और एक समय बिकवाली दबाव से यह 2,050 अंक से ज्यादा टूटकर 56,984 अंक के स्तर तक नीचे आ गया था, पर बाद में इसमें कुछ सुधार आया और अंत में यह 1,545.67 अंक यानी 2.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,491.51 पर बंद हुआ.
इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 468.05 अंक यानी 2.66 प्रतिशत का गोता लगाकर 17,149.10 अंक पर बंद हुआ. पिछले साल 26 नवंबर के बाद सेंसेक्स और निफ्टी में किसी एक दिन में अबतक की यह सबसे बड़ी गिरावट है. यह लगातार पांचवां कारोबारी सत्र है, जब बाजार नीचे आया है. टाटा स्टील का शेयर करीब छह प्रतिशत टूटकर सर्वाधिक नुकसान में रहा. इसके अलावा बजाज फाइनेंस, विप्रो, टेक महिंद्रा, टाइटन, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचसीएल टेक में भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे.
जूलियस बेयर के कार्यकारी निदेशक मिलिंद मुचाला ने कहा, भारतीय बाजार पिछले कुछ दिनों से उल्लेखनीय दबाव में हैं. हाल के उच्चतम स्तर से यह सात प्रतिशत नीचे आ चुका है...गिरावट चौतरफा है. हाल के आईपीओ वाले नये जमाने की कंपनियों में गिरावट ज्यादा तीव्र है. उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजारों में मुद्रास्फीति को लेकर चिंता है. साथ ही अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर बढ़ाने को लेकर भी चिंता है जिससे दुनिया के अन्य प्रमुख बाजारों में गिरावट के साथ घरेलू बाजार नीचे आये हैं.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, वैश्विक बाजारों में बिकवाली, तीसरी तिमाही के कमजोर वित्तीय परिणाम और बजट से पहले घबराहट से घरेलू बाजार में भारी बिकवाली हुई. एफओएमसी (फेडरल ओपन मार्केट कमेटी) की कल से होने वाली बैठक से पहले धारणा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा. उन्होंने कहा कि निवेशकों को एफओएमसी की दो दिन की बैठक के नतीजे का इंतजार है. ऐसी उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व नीतिगत दर में वृद्धि को लेकर स्पष्ट संकेत देगा.
एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में, जबकि जापान का निक्की और चीन का शंघाई कंपोजिट लाभ में रहे. यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में गिरावट का रुख रहा. इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.32 प्रतिशत बढ़कर 88.17 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 17 पैसे टूटकर 74.60 पर बंद हुई.
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे. उन्होंने शुक्रवार को 3,148.58 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे.
पीटीआई-इनपुट