नई दिल्ली :कोरोना वायरस महामारी के बीच इस साल छोटे शेयरों ने जबर्दस्त वापसी की है और निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है. पिछले दो साल के दौरान छोटी कंपनियों के शेयरों ने निवेशकों को नकारात्मक रिटर्न या प्रतिफल दिया था.
महामारी के दौरान खुदरा निवेशकों की भागीदारी बढ़ी है जिससे स्मॉलकैप सूचकांक इस साल 31 प्रतिशत चढ़ गया. स्मॉलकैप का प्रदर्शन व्यापक बाजार से बेहतर रहा है. शेयर बाजारों के लिए यह साल काफी घटनाक्रमों वाला रहा.
महामारी के बीच शेयर बाजार में कभी तेजड़िये तो कभी मंदड़िये हावी रहे. कोविड-19 के शुरुआती चरण में महामारी को लेकर चिंता और लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होने से मंदड़िये हावी रहे. लेकिन बाद के महीनों में तेजड़ियों ने जबर्दस्त वापसी की.
कभी ऊपर और कभी नीचे रहने वाले बाजार के बीच स्मॉलकैप और मिडकैप शेयर बाजार की पसंद रहे.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (ब्रोकिंग एवं वितरण) के प्रमुख और इक्विटी रणनीतिकार हेमांग जानी ने कहा, "मार्च में गिरावट के समय कई मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों के शेयर लार्जकैप की तुलना में आकर्षक मूल्यांकन पर उपलब्ध थे. मूल्यांकन और तरलता की बेहतर स्थिति की वजह से मिडकैप और स्मॉल कैप शेयर ऊंचे स्तर पर पहुंच गए."
उन्होंने कहा, "इसके अलावा पिछले 6-8 महीनों के दौरान खुदरा भागीदारी में कई गुना का इजाफा हुआ है, जिससे इन शेयरों को फायदा हुआ है."