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GST ने पेश की कैग के सामने ये चुनौती - पीएम मोदी

नई दिल्ली : वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) सरकार के ऑडिटर कैग के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है, क्योंकि इसके तहत भारी मात्रा में संख्याओं पर काम करना है. यह बात भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) राजीव महर्षि ने सोमवार को कही.

राजीव महर्षि, सीएजी

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Published : Feb 5, 2019, 10:25 AM IST

हालांकि नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था जीएसटी एक अवसर भी प्रदान करती है, क्योंकि सभी डेटा एक ही मंच पर उपलब्ध हैं, जिससे 100 प्रतिशत ऑडिट संभव है.

उन्होंने कहा कि जीएसटी एक चुनौती है और इसके लिए संस्था (कैग) तैयार है. यह एक चुनौती है, क्योंकि बड़ी संख्या में काम किया जाना है, लेकिन यह एक बहुत ही दिलचस्प चुनौती है.

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के प्लेटिनम जुबली समारोह में बोलते हुए महर्षि ने कहा कि जहां तक व्यय और राजस्व का संबंध है, हमारे लिए किसी राज्य विशेष का ऑडिट करना काफी सरल था. लेकिन अभी हमारे पास एक नया तत्व है, जो न तो केंद्र का है न ही राज्य का, किंतु दोनों के पास ही स्वामित्व है.

उन्होंने कहा कि सीएजी ने सबसे उपयुक्त विधि का पता लगाना शुरू कर दिया है, जिसे जीएसटी के तहत अपनाया जा सके. यह एक अवसर है कि सभी डेटा एक ही मंच पर उपलब्ध है, जिससे 100 प्रतिशत ऑडिट करना संभव हो सकता है.

महर्षि ने कहा कि 70 वर्षों के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों में से एक के रूप में जीएसटी को लागू करना न केवल कर अनुकूल और अनुपालन अनुकूल है, बल्कि उपभोक्ता अनुकूल भी है, क्योंकि यह कर कराधानों के समाप्त करता है.
(पीटीआई से इनपुट)
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