दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

डब्ल्यूटीओ में समग्र, व्यापक सुधार की जरूरत: गोयल

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस समय डब्ल्यूटीओ के सभी सदस्य देशों को उन सुधार की ओर ध्यान देना चाहिए जो काफी समय से लंबित हैं. जब हम डब्ल्यूटीओ में सुधार करने की सोच रहे हैं और तो सुधार समग्र और व्यापक स्तर पर होने चाहिए.

डब्ल्यूटीओ में समग्र, व्यापक सुधार की जरूरत: गोयल

By

Published : Aug 22, 2019, 7:44 PM IST

Updated : Sep 27, 2019, 10:02 PM IST

नई दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जमीनी हकीकत को देखते हुए बिना विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में व्यापक और समग्र सुधार करने की गुरुवार को वकालत की. उन्होंने इस संदर्भ में खासकर विकसित और विकासशील देशों के बीच असामनता को ध्यान में रखने को कहा है.

गोयल ने कहा कि डब्ल्यूटीओ के सदस्यों को चुनिंदा मुद्दों के बजाए संगठन के सभी सदस्य देशों के व्यापक मुद्दों पर गौर करना चाहिए.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "इस समय डब्ल्यूटीओ के सभी सदस्य देशों को उन सुधार की ओर ध्यान देना चाहिए जो काफी समय से लंबित हैं. जब हम डब्ल्यूटीओ में सुधार करने की सोच रहे हैं और तो सुधार समग्र और व्यापक स्तर पर होने चाहिए."

ये भी पढ़ें:जल्द नई विदेश व्यापार नीति जारी करेगा वाणिज्य मंत्रालय

मंत्री ने दक्षिण-दक्षिण और त्रिकोणीय सहयोग (विकासशील देशों के बीच सहयोग) के एक कार्यक्रम में यह बात कही. गोयल का बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने विश्व व्यापार निकाय डब्ल्यूटीओ में सुधार का आह्वान किया है.

अमेरिका चाहता है कि डब्ल्यूटीओ विशेष एवं अलग-अलग व्यवहार (एसएंडडीटी) से जुड़े कुछ निर्देशों को खत्म कर दे. इससे विकासशील देशों को कुछ लाभ मिलते हैं. इसके अलावा डब्ल्यूटीओ के विवाद निपटान निकाय में भी सुधार चाहता है. गोयल ने कहा कि यदि दो देशों के आर्थिक विकास का स्तर अलग-अलग है जो उन दो व्यापार भागीदारों के बीच मुक्त व्यापार नहीं हो सकता है.

उन्होंने कहा, "वास्तव में 1,000 डॉलर , 2,000 डॉलर या 4,000 डॉलर प्रति व्यक्ति आय वाले देश और 60,000 या 80,000 डॉलर प्रति व्यक्ति आय वाले देश के बीच मुक्त व्यापार संभव नहीं है."

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह एक "हास्यास्पद तर्क" है कि विकास के अलग-अलग स्तर के दो व्यापारिक साझेदारों को वैश्विक बाजारों में समान रूप से प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए.

उद्योग मंत्री ने कहा, "भारत ने हमेशा मुक्त, समावेश, पारदर्शी, गैर-भेदभावपूर्ण और नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था का समर्थन किया है."

उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में भारत सबसे खुली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. कुछ विकसित देश मुक्त अर्थव्यवस्था होने का दावा करते हैं लेकिन वे गैर-शुल्क बाधा खड़ी करके अपनी "अर्थव्यवस्था को बंद अर्थव्यवस्था से भी खराब बना रहे हैं."

गोयल ने कहा कि यदि संरक्षणवाद और एकतरफा उपायों को जारी रखा गया तो "मेरा मानना है कि हम वैश्विक मंदी की ओर बढ़ेंगे और कोई भी देश इस समस्या से अछूता नहीं रह जाएगा."

गोयल ने कहा, "मेरा मानना है कि मौजूदा व्यवस्था से भागने की बजाए दुनिया को नियम आधारित, पारदर्शी और गैर-भेदभावपूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित करने की कोशिश करनी चाहिए."

Last Updated : Sep 27, 2019, 10:02 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details