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दुपहिया वाहन विलासिता या अहितकर सामान नहीं, जीएसटी दर में संशोधन की जरूरत: वित्त मंत्री - निर्मला सीतारमण

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ हुई बैठक में सीतारमण ने कहा कि दुपहिया वाहन पर जीएसटी दर में संशोधन के मामले पर जीएसटी परिषद की बैठक में गौर किया जायेगा.

दुपहिया वाहन विलासिता या अहितकर सामान नहीं, जीएसटी दर में संशोधन की जरूरत: वित्त मंत्री
दुपहिया वाहन विलासिता या अहितकर सामान नहीं, जीएसटी दर में संशोधन की जरूरत: वित्त मंत्री

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Published : Aug 25, 2020, 10:07 PM IST

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि दुपहिया वाहन न तो विलासिता का सामान है और न ही यह अहितकर सामाना की श्रेणी में आता है इसलिये इस पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) दर में संशोधन का मामला बनता है.

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ हुई बैठक में सीतारमण ने कहा कि दुपहिया वाहन पर जीएसटी दर में संशोधन के मामले पर जीएसटी परिषद की बैठक में गौर किया जायेगा.

सीआईआई की ओर जारी वक्तव्य में यह जानकारी दी गई है. वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता की ओर से भी बाद में इसे जारी किया गया. दुपहिया वाहनों पर वर्तमान में 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है.

वक्तव्य में कहा गया है, "दुपहिया वाहनों पर जीएसटी दर को कम करने के सवाल पर सीतारमण ने आश्वासन दिया कि यह सही मायनों में अच्छा सुझाव है क्योंकि वाहन की यह श्रेणी न तो भोग विलासिता के श्रेणी में आती है और न ही यह अहितकर वस्तु की श्रेणी में आता है, इसलिये इसमें दर में संशोधन का मामला बनता है."

वक्तव्य में सीतारमण के हवाले से कहा गया है, "इस मुद्दे को जीएसटी परिषद के समक्ष रखा जायेगा."

पिछले साल देश की सबसे बड़ी दुपहिया विनिमार्ता कंपनी हीरो मोटो कार्प ने सरकार से दुपहिया वाहन श्रेणी में जीएसटी दर में चरणबद्ध तरीके से कमी लाने का आग्रह किया था. इसकी शुरुआत 150 सीसी की मोटरसाइकिल को जीएसटी के 18 प्रतिशत स्लैब में लाकर की जा सकती है.

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एएमआरजी एण्ड एससोसियेट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि मोटरसाइकिल, मोपेड और मोटर लगी साइकिल पर सबसे ऊंची 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जाता है.

उन्होंने कहा, "देश के लाखों मध्यम वर्गीय परिवार की आज दुपहिया वाहन मूलभूत जरूरत बन गई है. लेकिन जीएसटी के मामले में इसे भी तंबाकू, सिगार, पिस्तौत जैसी अहितकर वस्तुओं की श्रेणी मं रखा गया है."

(पीटीआई-भाषा)

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