अंकारा : तुर्की की अर्थव्यवस्था दशक भर में पहली बार मंदी के जाल में फंस गई है, जबकि देश में स्थानीय चुनाव होने जा रहे और रेसेप ताय्यिप एर्दोआन सरकार के सामने महंगाई और आर्थिक मंदी से जुड़े सवालों के जवाब देने की चुनौती है.
चुनाव से पहले तुर्की की अर्थव्यवस्था फंसी मंदी के जंजाल में - जीडीपी
देश में स्थानीय चुनाव के पहले दशक भर में पहली बार मंदी की चपेट में आया तुर्की. लगातार दो तिमाहियों में आर्थिक गतिविधियों के सिकुड़ने को सामान्यत: अर्थव्यवस्था में मंदी के तौर पर देखा जाता है.
तुर्की सांख्यिकी संस्थान (टीयूआईके) ने सोमवार को जारी आंकड़ों में बताया है कि चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में देश के सकल आर्थिक उत्पाद (जीडीपी) में तीसरी तिमाही के मुकाबले 2.4 प्रतिशत की गिरावट आई है. तीसरी तिमाही में भी तुर्की में 1.6 प्रतिशत का आर्थिक संचुकचन हुआ था.
लगातार दो तिमाहियों में आर्थिक गतिविधियों के सिकुड़ने को सामान्यत: अर्थव्यवस्था में मंदी के तौर पर देखा जाता है. अर्थव्यवस्था में मंदी का यह रुख पिछले साल के नकदी संकट से जुड़कर एर्दोआन के लिए और भी संवेदनशील हो गया है, जिसके चलते यह 31 मार्च को होने वाले चुनाव में उनके और उनकी पार्टी 'जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी' के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है.
(भाषा)
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