वॉशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने आगाह किया है कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 में वैश्विक सार्वजनिक ऋण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 100 प्रतिशत के पार जा सकता है. इसके अलावा 2020 में औसत कुल राजकोषीय घाटा जीडीपी के 14 प्रतिशत के बराबर रह सकता है.
आईएमएफ ने कहा है कि यह सार्वजनिक ऋण और राजकोषीय घाटे का सर्वकालिक उच्चस्तर होगा.
आईएमएफ के राजकोषीय मामलों के विभाग के निदेशक विटोर गैस्पर ने पीटीआई-भाषा से कहा कि उत्पादन में भारी गिरावट और इसके साथ राजस्व में कमी तथा उल्लेखनीय विवेकाधीन समर्थन से सरकार का कर्ज और राजकोषीय घाटा बढ़ेगा.
गैस्पर ने कहा, "वैश्विक सार्वजनिक ऋण 2020-21 में अपने सर्वकालिक उच्चस्तर जीडीपी के 100 प्रतिशत से अधिक पर पहुंचने की आशंका है. एक साल पहले की तुलना में यह करीब 20 प्रतिशत अंक की बढ़ोतरी होगी."
उन्होंने कहा कि आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं मसलन अमेरिका, जापान और यूरोपीय देशों में सार्वजनिक ऋण में अधिक बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.
उन्होंने कहा, "इसके अलावा औसत कुल राजकोषीय घाटे के 2020 में जीडीपी के 14 प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान है. यह पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत अंक अधिक होगा."