नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट से पहले शनिवार को अग्रणी अर्थशास्त्रियों से मुलाकात कर रोजगार, कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित प्रमुख मसलों पर विचार-विमर्श किया. मोदी ने 40 से अधिक
अर्थशास्त्रियों और अन्य विशेषज्ञों से पांच विशिष्ट मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें रोजगार, कृषि, जल संसाधन, निर्यात, शिक्षा और स्वास्थ्य समेत प्रमुख आर्थिक विषय शामिल थे. बातचीत का यह कार्यक्रम 'इकॉनॉमिक पॉलिसी-द रोड अहेद' विषय पर आधारित था और इसका आयोजन नीति आयोग द्वारा किया गया था.
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वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पांच जुलाई को मोदी के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेंगी. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने विभिन्न प्रतिभागियों को अर्थव्यवस्था के विविध पहलुओं पर उनके सुझावों और टिप्पणियों के लिए धन्यवाद दिया.
बैठक में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और राव इंद्रजीत सिंह भी शामिल हुए. नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और सरकार व नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे.
सूत्रों ने बताया कि बैठक का आयोजन रोजगार, कृषि और जल संसाधन, निर्यात, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अहम विचारों पर विचार-विमर्श के लिए किया गया था.
इस बैठक को अहम माना जा रहा है, क्योंकि भारत आर्थिक सुस्ती के दौर से गुजर रहा है. जबकि औद्योगिक और विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन के आंकड़े घटे हैं और और ऑटोमोबाइल क्षेत्र की बिक्री में कमी आई है.
कृषि संकट और बेरोजगारी की समस्या अलग चुनौती बन चुकी है. उम्मीद की जाती है कि इस बजट में नीतिगत पहलों के जरिए सरकार इन चुनौतियों का समाधान करेगी.