बिजनेस डेस्क, ईटीवी भारत: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस महीने की शुरुआत में अगले वित्त वर्ष के लिए एक अभूतपूर्व बजट का वादा किया, लेकिन विशेषज्ञों ने वेतनभोगी वर्ग को उत्साहित नहीं होने की चेतावनी दी है क्योंकि व्यक्तिगत आयकर में कोई बड़ा बदलाव नहीं होने की संभावना है.
वित्तीय योजना और निवेश सलाहकार फर्म मनी मंत्रा के संस्थापक विरल भट्ट ने कहा कि केवल एकमात्र प्रमुख लाभ हो सकता है, जो है "कोई अतिरिक्त नया कर का बोझ नहीं" दिया जाए.
भट्ट ने कहा, "मुझे संदेह है कि व्यक्तिगत आयकर दरों में कोई बदलाव होगा क्योंकि यह सरकार के खिलाफ ही काम करेगा. इसलिए, करदाता के लिए एकमात्र राहत के रूप में सरकार कोई और नया उपकर या कर लगाने से बच सकती है."
2021-22 का केंद्रीय बजट, जिसे 1 फरवरी 2021 को संसद में पेश किया जाना है, में कर की दरों को कम करने के लिए लोकलुभावन उपायों की सीमित गुंजाइश होगी क्योंकि महामारी से प्रेरित मंदी के बीच अपने राजस्व में गिरावट का सामना कर रही सरकार को ऐसे समय में खर्च को बढ़ावा देना होगा.
भट्ट का मानना है कि बजट में कर दरों में संशोधन नहीं किया जा सकता है, फिर भी कुछ प्रस्ताव हो सकते हैं जो कर्मचारियों के हाथ में अधिक डिस्पोजेबल आय डालने में सक्षम हो.
भट्ट ने कहा, "धारा 80सी में मौजूदा 1.5 लाख रुपये से 2 लाख रुपये तक की बढ़ोतरी के रूप में अतिरिक्त लाभ की उम्मीद की जा सकती है."
उन्होंने कहा, "इस तथ्य को देखते हुए कि इस वर्ष स्वास्थ्य बीमा में कर कटौती की सीमा में 40,000 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है."