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लॉकडाउन के बाद उड़ानों के लिए मंत्रालय ने शुरुआत में केबिन मे सामान की इजाजत नहीं देने का सुझाव दिया - कोरोना वायरस

कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के कारण 25 मार्च से घरेलू हवाई यातायात निलंबित चल रहा है. घरेलू हवाई यात्रा करने वाले सभी लोगों के लिए आरोग्य सेतु ऐप में ग्रीन स्टेटस, वेब चैक-इन और तापमान की जांच का प्रस्ताव किया गया है.

लॉकडाउन के बाद उड़ानों के लिए मंत्रालय ने शुरुआत में केबिन मे सामान की इजाजत नहीं देने का सुझाव दिया
लॉकडाउन के बाद उड़ानों के लिए मंत्रालय ने शुरुआत में केबिन मे सामान की इजाजत नहीं देने का सुझाव दिया

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Published : May 12, 2020, 7:35 PM IST

मुंबई: लॉकडाउन के बाद व्यावसायिक उड़ान सेवा फिर से शुरू करने के लिए पहले चरण में कोविड-19 से संबंधित विस्तृत प्रश्नावली भरना, केबिन में सामान नहीं ले जाना, आरोग्य सेतु ऐप का उपयोग करना और विमान प्रस्थान के समय से कम से कम दो घंटे पहले हवाईअड्डे पर पहुंचना अनिवार्य किया जा सकता है. नागर विमानन मंत्रालय ने देश में व्यावसायिक हवाई यात्रा सेवा फिर से शुरू करने के लिए मसौदा मानक परिचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) तैयार की हैं.

कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के कारण 25 मार्च से घरेलू हवाई यातायात निलंबित चल रहा है. घरेलू हवाई यात्रा करने वाले सभी लोगों के लिए आरोग्य सेतु ऐप में ग्रीन स्टेटस, वेब चैक-इन और तापमान की जांच का प्रस्ताव किया गया है.

पीटीआई-भाषा को प्राप्त हुई मसौदा एसओपी की प्रति के अनुसार, इसमें एक उड़ान में एक ही केबिन और कॉकपिट कर्मी दल को लंबे समय तक रखने पर भी विचार किया गया है ताकि उनमें आपस में संक्रमण का जोखिम कम हो. मसौदा एसओपी केवल यात्रियों के लिए ही नहीं, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों, विमान पत्तन संचालकों के अनुपालन के लिए भी सुझाये गये हैं जिनमें हवाईअड्डे के प्रवेश द्वारों पर पहचान पत्र की जांच नहीं करना और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना शामिल है.

एक अन्य सुझाव में चिकित्सकीय आपात स्थिति वाले किसी यात्री को अलग बैठाने के लिए विमान की तीन कतारों को खाली रखना भी शामिल है. सूत्रों के अनुसार, एयरलाइन्स और विमान पत्तन संचालकों समेत सभी पक्षों के साथ विचार-विमर्श के बाद मसौदा एसओपी तैयार किया गया है. इस पर हितधारकों से सुझाव मांगे गए हैं.

गौर करने वाली बात है कि इस मसौदा एसओपी में सामाजिक दूरी बनाकर रखने के लिए विमान की बीच वाली सीट को खाली रखने के बारे में कुछ नहीं कहा गया है. विमानन नियामक डीजीसीए ने मार्च में व्यावसायिक उड़ान सेवाएं स्थगित होने से पहले ही बीच की सीट को खाली रखने का सुझाव दिया था.

इसमें कहा गया है, "यात्रियों को एक प्रश्नावली दी जाए और पिछले कम से कम एक महीने में कोविड-19 के संबंध में या यदि वे पृथक-वास में रहे हैं तो उसके संबंध में जानकारी यात्रा से पहले ही भरवाई जाए."

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दस्तावेज के मुताबिक, "पिछले एक महीने में पृथक-वास में रहे किसी यात्री को अलग से बनाई गयी सुरक्षा जांच इकाई के पास ही सुरक्षा जांच के लिए भेजा जाए."

इसमें कहा गया है कि यात्रियों को सामान संबंधी सीमाओं की भी जानकारी होनी चाहिए. उन्हें आरोग्य सेतु ऐप पर पंजीकरण कराना चाहिए तथा हवाईअड्डे पर पहुंचने के लिए अधिकृत टैक्सियों से पहुंचना चाहिए.

मंत्रालय का यह भी सुझाव है कि जिन यात्रियों को शारीरिक तापमान अधिक होने या उम्र आदि की वजह से यात्रा की अनुमति नहीं दी जाती, उन्हें बिना अतिरिक्त शुल्क के तिथि बदलने की अनुमति होनी चाहिए.

(पीटीआई-भाषा)

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