दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

मझोले उद्यमों की परिभाषा में और बदलाव किए जाएंगे: गडकरी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इससे पहले प्रधानमंत्री के 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज के बारे में कई किस्तों में जानकारी देते हुये एमएसएमई क्षेत्र की परिभाषा में बदलाव की घोषणा की थी.

By

Published : May 19, 2020, 8:08 PM IST

मझोले उद्यमों की परिभाषा में और बदलाव किए जाएंगे: गडकरी
मझोले उद्यमों की परिभाषा में और बदलाव किए जाएंगे: गडकरी

नई दिल्ली: सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की परिभाषा में बदलाव की घोषणा के कुछ ही दिन बाद सरकार ने इसमें मध्यम उद्यमों की परिभाषा की और नयी समीक्षा करने का फैसला किया है. एमएसएमई मामलों के मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उनके अनुसार मध्यम दर्जे की इकाइयों निवेश सीमा को बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये और कारोबार सीमा को 200 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है. इस संबंध में आदेश जारी किए जाएंगे.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इससे पहले प्रधानमंत्री के 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज के बारे में कई किस्तों में जानकारी देते हुये एमएसएमई क्षेत्र की परिभाषा में बदलाव की घोषणा की थी.

उसके मुताबिक कोई भी इकाई जिसमें एक करोड़ रुपये का निवेश किया गया है और पांच करोड़ रुपये तक का कारोबार करती है उसे सूक्ष्म श्रेणी का उद्यम माना जायेगा. इसी प्रकार 10 करोड़ रुपये का निवेश और 50 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली इकाई को लघु श्रेणी की इकाई तथा 20 करोड़ रुपये तक का निवेश और 100 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली इकाई को मध्यम दर्जे की इकाई में रखा गया.

गडकरी ने कहा, "हमने यह फैसला किया है कि मध्यम दर्जे की इकाई के लिये निवेश सीमा के मानदंड को 20 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये तक ले जाया जाये और कारोबार की सीमा को 100 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 200 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया जाये. इसके लिये हम आदेश जारी करेंगे."

वह एक निर्यातक संगठन के प्रतिनिधियों के साथ बाताचीत कर रहे थे. केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री एवं एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि उनके मुताबिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम दर्जे की इकाइयों के लिये तय किये गये मानदंड निवेश अथवा कारोबार के आधार पर तय होने चाहिये. यह निवेश और कारोबार दोनों के आधार पर नहीं होने चाहिये जैसा कि घोषणा की गई है. उन्होंने कहा कि सरकार इसे जल्द ही ठीक करेगी.

ये भी पढ़ें:सरकार ने ईपीएफ अंशदान में तीन महीनों के लिए कटौती लागू की

गडकरी ने कहा कि वह मध्यम इकाइयों के लिये कारोबार सीमा को 250 करोड़ रुपये तक बढ़ाने के सुझाव पर विचार को तैयार है और इस मुद्दे को वह एमएसएमई सचिव के साथ भी साझा करेंगे. एमएसएमई मंत्री ने कहा कि सरकार की योजना देश के निर्यात कारोबार में एमएसएमई के योगदान को मौजूदा 48 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत तक बढ़ाना है. इसके साथ ही इस क्षेत्र के देश की जीडीपी में योगदान को 29 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक पहुंचाना है.

निर्यातक संगठन के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, "हम देश में पांच करोड़ नये रोजगार पैदा करने की योजना बना रहे हैं. अब तक हमने 11 करोड़ रोजगार सृजित किये हैं."

उन्होंने कहा कि वह भारतीय एमएसएमई को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि निर्यातकों को वर्तमान समय का लाभ उठाना चाहिये जब पूरी दुनिया में चीन के खिलाफ माहौल बन रहा है, उन्हें लागत कम करके और आयात सामान का विकल्प तैयार करना चाहिये.

(पीटीआई-भाषा)

ABOUT THE AUTHOR

...view details