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वार्षिक जीएसटी रिटर्न भरने की अंतिम तिथि महीने के अंत तक बढ़ी - जीएसटी

वित्त मंत्रालय ने करदाताओं को विस्तार का लाभ उठाने और वित्त वर्ष 2018-19 के लिए जीएसटी वार्षिक रिटर्न फाइल करने की सलाह दी.

वार्षिक जीएसटी रिटर्न भरने की अंतिम तिथि महीने के अंत तक बढ़ी
वार्षिक जीएसटी रिटर्न भरने की अंतिम तिथि महीने के अंत तक बढ़ी

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Published : Oct 9, 2020, 9:16 PM IST

नई दिल्ली: कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण करदाताओं को होने वाली कठिनाइयों के मद्देनजर वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2018-19 के लिए वार्षिक जीएसटी रिटर्न (जीएसटीआर -9) और विवरण का समाधान (जीएसटीआर-9 सी) दाखिल करने की अंतिम तिथि महीने के अंत तक बढ़ा दी है.

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "वित्त केंद्रीय कर अधिसूचना संख्या 69/2020, वित्त वर्ष 2018-19 के लिए वार्षिक रिटर्न प्रस्तुत करने की नियत तारीख को 31 अक्टूबर, 2020 तक बढ़ा दिया गया है."

वित्त मंत्रालय ने करदाताओं को विस्तार का लाभ उठाने और वित्त वर्ष 2018-19 के लिए जीएसटी वार्षिक रिटर्न फाइल करने की सलाह दी.

जीएसटीआर -9 फॉर्म में वार्षिक रिटर्न दाखिल करने के लिए किसी भी जीएसटी पंजीकृत व्यवसाय या इकाई के लिए 2 करोड़ रुपये का कुल वार्षिक कारोबार होना अनिवार्य है, जबकि 5 करोड़ रुपये से अधिक के कुल वार्षिक कारोबार वाली संस्थाओं को भी फॉर्म में सुलह बयान जीएसटीआर-9 सी दर्ज करने की आवश्यकता होती है

2018-19 फॉर्म में 2017-18 डेटा दर्ज करने की आवश्यकता नहीं

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन करदाताओं ने पहले ही वित्त वर्ष 2017-18 के लिए जीएसटीआर 9 वार्षिक रिटर्न दाखिल किया है, उन्हें वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए अपने वार्षिक रिटर्न फॉर्म में समान विवरण शामिल करने की आवश्यकता नहीं है.

वित्त मंत्रालय को कुछ अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं कि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए ऑटो-पॉपुलेटेड जीएसटीआर -9 फॉर्म में, वित्त वर्ष 2017-18 के डेटा को भी शामिल किया गया है, विशेष रूप से तालिका संख्या 4,5,6 और 7 में डेटा.

मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भले ही करदाताओं द्वारा अपने वार्षिक रिटर्न फॉर्म जीएसटीआर-9 में जानकारी पहले ही दे दी गई हो, लेकिन इस साल के जीएसटीआर-9 फॉर्म में इन दो वर्षों के विभाजन को दिखाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है.

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मंत्रालय ने स्पष्ट किया, "करदाताओं को केवल वित्तीय वर्ष 2018-19 से संबंधित मूल्यों और वित्तीय वर्ष 2017-18 से संबंधित मूल्यों की रिपोर्ट करना आवश्यक है, जिन्हें पहले ही सूचित या समायोजित किया जा सकता है."

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी करदाता ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए अपना जीएसटी वार्षिक रिटर्न पहले ही दाखिल कर दिया है, जिसमें उसके द्वारा दिए गए आपूर्ति और इनपुट टैक्स क्रेडिट का विवरण शामिल है, तो रिटर्न में भिन्नता होने पर करदाता के खिलाफ कोई प्रतिकूल विचार नहीं किया जाएगा.

(वरिष्ठ पत्रकार कृष्णानन्द त्रिपाठी का लेख)

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