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यह अंत नहीं मात्र एक ठहराव है, कोविड-19 संकट से निपटने को और कदम उठाए जाएंगे: ठाकुर - वित्त मंत्रालय

विभिन्न घोषणाओं का ब्योरा देते हुए ठाकुर ने कहा, "हमने सबसे पहले विभिन्न अनुपालन नियमों में ढील दी. दूसरा 1.70 लाख करोड़ रुपये का प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज और तीसरा 20.97 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज. लेकिन यह अंत नहीं है."

यह अंत नहीं मात्र एक ठहराव है, कोविड-19 संकट से निपटने को और कदम उठाए जाएंगे: ठाकुर
यह अंत नहीं मात्र एक ठहराव है, कोविड-19 संकट से निपटने को और कदम उठाए जाएंगे: ठाकुर

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Published : May 22, 2020, 9:16 PM IST

नई दिल्ली: वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी से पैदा हुई स्थिति से निपटने को अभी और कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार अभी सिर्फ कुछ रुकी है, अर्थव्यवस्था को उबारने और 'आत्म-निर्भर' भारत बनाने को अभी और उपायों की घोषणा की जाएगी. उन्होंने संकेत दिया कि कोविड-19 से प्रभावित क्षेत्रों के लिए आगामी दिनों में और घोषणाएं की जाएंगी.

वित्त राज्यमंत्री ने पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा कि यह महामारी शुरू होने के साथ ही सरकार ने लॉकडाउन की वजह से लोगों के समक्ष आई दिक्क्तों को दूर करने और वृद्धि को समर्थन के लिए कई कदम उठाए हैं.

उन्होंने कहा कि बीते रविवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन में सरकार ने 20.97 लाख करोड़ रुपये के वृहद पैकेज की घोषणा की है.

विभिन्न घोषणाओं का ब्योरा देते हुए ठाकुर ने कहा, "हमने सबसे पहले विभिन्न अनुपालन नियमों में ढील दी. दूसरा 1.70 लाख करोड़ रुपये का प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज और तीसरा 20.97 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज. लेकिन यह अंत नहीं है."

ठाकुर ने कहा, "यह घोषणाओं में ठहराव मात्र है, कदम आगे बढ़ते रहेंगे."

उनसे पूछा गया था कि क्या सरकार मौजूदा आर्थिक संकट से बाहर निकलने के लिए और उपायों की घोषणा करेगी. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार लोगों और कारोबार क्षेत्र की जरूरतों को लेकर काफी संवेदनशील है. मंत्रालय इस बारे में विभिन्न् क्षेत्रों से जानकारी ले रहा है.

वित्त राज्यमंत्री ने कहा, "पर्यटन हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण क्षेत्र है. आतिथ्य या होटल एक अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र है. नागर विमानन क्षेत्र भी महत्वपूर्ण है. भारत जैसे देश में ये क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में योगदान देते हैं. सिर्फ जीडीपी में ही योगदान नहीं देते रोजगार के लाखों अवसर भी उपलब्ध कराते हैं. हम इन क्षेत्रों के लिए या जो और क्षेत्र बच गए हैं, उनके लिए उपायों पर विचार कर रहे हैं."

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मैं कहना चाहूंगा कि इनमें से कुछ अन्य श्रेणियों में आ जायेंगे जहां उन्हें लाभ मिला है. छोटे होटल सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) में आएंगे. सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र के लिये सिलसिलेवार कई घोषणायें की हैं. वे आत्म-निर्भर भारत अभियान पैकेज का लाभ ले सकते हैं. ठाकुर ने कहा कि आर्थिक सुधार लगातार जारी रहने वाली प्रक्रिया है.

ये भी पढ़ें:वितरण कंपनियों को कर्ज सुविधा का लाभ उठाने के लिये सुधारों को करना होगा लागू

"मैं कहना चाहूंगा 2020 सुधारों का साल होगा."

सरकार ने पिछले सप्ताह कृषि, रक्षा विनिर्माण, नागर विमानन और खनन क्षेत्रों के लिए कई घोषणाएं कीं. उन्होंने कहा कि एमएसएमई की परिभाषा बदलने की लंबे समय की मांग को पूरा किया. किसानों को आवश्यक वस्तु अधिनियम और कृषि उपज मंडी समिति (एपीएमसी) कानून के शिकंजे से बाहर किया गया.

कोयला खनन और खनिज क्षेत्र को खोला गया. ये सभी कदम आत्म-निर्भरता की दृष्टि से सकारात्मक कदम हैं. उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलना छोटा सुधार नहीं है. रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में स्वत: मंजूरी मार्ग से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत किया गया है. यह भी एक साहसिक सुधार है.

ठाकुर ने इन आलोचनाओं को खारिज किया कि सरकार ने मांग बढ़ाने के लिए विशेष कुछ नहीं किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने जरूरतमंदों के खातों में सीधे पैसा डाला है. 20.5 करोड़ जनधन खाताधारकों, 2.2 करोड़ राष्ट्रीय सुरक्षा सहायता कार्यक्रम के लाभार्थियों और नौ करोड़ किसानों के खातों में सीधे पैसा डाला गया है.

ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने कई और कदम उठाए हैं जिसने जरूरतमंदों को सीधे लाभ होगा. इसमें 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन का वितरण, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेंडर वितरण शामिल है.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र को तीन लाख करोड़ रुपये का कर्ज बिना गारंटी के उपलब्ध कराने का भी प्रावधान किया है. वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि लोगों के हाथ में पैसा होने से अर्थव्यवस्था की कुल मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी.

(पीटीआई-भाषा)

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