नई दिल्ली: केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने शनिवार को स्पष्ट किया अब जीएसटी भुगतान में देरी पर ब्याज की गणना शुद्ध देनदारियों के आधार पर की जाएगी. इसके लिए जीएसटी कानूनों में संशोधन किए गए हैं.
सीबीआईसी ने अपने क्षेत्रीय अधिकारियों को हाल में निर्देश दिया है कि वे विलम्ब से भुगतान किए गए माल एवं सेवाकर के भुगतानों पर बकाया ब्याज की वसूली शुरू करें. अनुमान है कि ब्याज का बकाया 46,000 करोड़ रुपये तक हो गया है. इस निर्देश से उद्योग जगत में चिंता बतायी जा रही है.
उद्योग जगत की चिंताओं के बीच सीबीआईसी ने एक के बाद एक कई ट्वीट जारी करके स्पष्ट किया है कि केंद्र और राज्य सरकारों ने जीएसटी संबंधी अधिनियमों में पिछली तिथि से प्रभावी संशोधन कर दिए हैं. इसके बाद अब ब्याज की गणना कर के शुद्ध बकाए के आधार पर की जाएगी.