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देश को दहाई अंक में वृद्धि दर हासिल करने के प्रयास करने चाहिए: पीएमईएसी सदस्य

रवि ने पीएमईएसी में अपने सहयोगी रथिन राय की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि भारत मध्यम आय की जाल में फंस सकता है. इस शब्द का उपयोग विश्वबैंक ने उन देशों के लिये किया है जो समृद्ध होने के प्रयास के साथ मध्यम स्तर के आर्थिक विकास में अटक गये हैं.

देश को दहाई अंक में वृद्धि दर हासिल करने के प्रयास करने चाहिए: पीएमईएसी सदस्य

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Published : May 17, 2019, 8:47 PM IST

Updated : May 17, 2019, 8:55 PM IST

नई दिल्ली: भारत को दहाई अंक में आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने को लेकर हर संभव प्रयास करने की जरूरत है और 7 प्रतिशत वृद्धि दर को आम बात मानकर संतुष्ट होकर नहीं बैठना चाहिए. प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) की सदस्य शामिका रवि ने शुक्रवार को यह कहा.

रवि ने पीएमईएसी में अपने सहयोगी रथिन राय की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि भारत मध्यम आय की जाल में फंस सकता है. इस शब्द का उपयोग विश्वबैंक ने उन देशों के लिये किया है जो समृद्ध होने के प्रयास के साथ मध्यम स्तर के आर्थिक विकास में अटक गये हैं.

ब्रूकिंग्स इंडिया कार्यक्रम

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उन्होंने ब्रूकिंग्स इंडिया के एक कार्यक्रम में कहा, "लेकिन अब जोर फिर से इस बात पर होने की जरूरत है कि कैसे हम दहाई अंक में वृद्धि के दृष्टिकोण के साथ वापस आ सकते हैं."

रवि ने कहा, "मौजूदा प्रति व्यक्ति आय के साथ सात प्रतिशत वृद्धि दर या वैश्विक प्रवृत्ति के कारण आने वाले समय में इसमें और कमी देश के लिये नया चलन नहीं हो सकता."

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने फरवरी में 2018-19 के लिये आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया था. यह पांच साल में सर्वाधिक कम है. उन्होंने कहा कि भारत के मध्यम आय की जाल में फंसने की आशंका नहीं है.

पीएमईएसी सदस्य ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि भारत इसे (मध्यम आय की जाल) वहन कर सकता है. मुझे नहीं लगता कि ब्राजील या दक्षिण अफ्रीका की तरह भारत मध्यम आय की जाल में फंसेगा."

हाल में पीएमईएसी सदस्य रथिन राय ने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था संरचनात्मक नरमी की ओर बढ़ रही है. राय ने कहा था, "अर्थव्यवस्था 1991 से निर्यात के आधार पर वृद्धि नहीं कर रही. बल्कि उस आधार पर बढ़ रही है शीर्ष 10 करोड़ आबादी क्या खपत करना चाहती है. ये 10 करोड़ भारतीय उपभोक्ता जो वृद्धि की कहानी को गति दे रहे थे, उनमें स्थिरता आनी शुरू हो गयी है."

उन्होंने कहा, "इसका मतलब है कि अल्पकाल में हम दक्षिण कोरिया नहीं बनेंगे. हम चीन नहीं बनेंगे. हम ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका बनेंगे. हमारा देश मध्यम आय वाला है जहां बड़ी संख्या में लोग गरीबी में हैं और अपराध बढ़ रहे हैं." रवि ने यह भी कहा कि भारत को राजकोषीय अनुशासन बनाये रखना चाहिए जो नरेंद्र मोदी सरकार के पांच साल के शासन में देखने को मिला.

Last Updated : May 17, 2019, 8:55 PM IST

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