नई दिल्ली: उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने स्टार्टअप कंपनियों के लिए कारोबार सुगमता को और बेहतर बनाने के वास्ते उनके विभिन्न नियामकीय अनुपालन में लगने वाला समय घटाकर एक घंटा प्रतिमाह करने का प्रस्ताव किया है.
अधिकारियों ने जानकारी दी कि यह स्टार्टअप के लिए नियामकीय व्यवस्था को आसान बनाए जाने के लिए स्टार्टअप दृष्टिपत्र:2024 का हिस्सा है. इस प्रस्तावित दस्तावेज पर विभाग ने लोगों से टिप्पणियां मंगायी हैं.
इसके अलावा विभाग का स्टार्टअप कंपनियों के लिए ऋण वित्तपोषण सुविधाएं विकसित करने, 500 नए इंक्यूबेटर और एक्सीलरेटर गठित करने, शहरी स्थानीय निकायों में नवोन्मेषी क्षेत्र बनाने, 10,000 करोड़ रुपये का कोष बनाने और क्रेडिट गारंटी योजना परिचालन में लाने का प्रस्ताव है.
ये भी पढ़ें:जीएसटी रिटर्न नहीं भरा तो रद्द हो सकता है पंजीकरण
वर्तमान में स्टार्टअप कंपनियों हर माह जीएसटी रिटर्न दाखिल करने, कर रिटर्न दाखिल करने और कई अन्य स्थानीय कानूनों का पालन करने पर बहुत समय और पैसा जाया करना पड़ता है. विभाग का लक्ष्य इन सभी का समय घटाकर एक घंटा प्रतिमाह करना है.