इम्फाल: यदि आप मणिपुर में किसी बस में सवार हैं, या किसी किराने के दुकान पर जाते हैं और आपके पास 10 रुपये के सिक्के हैं तो संभावना है कि आपको बाहर का दरवाजा दिखाया जाए.
भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) के नियमित स्पष्टीकरण के बावजूद मणिपुर में लोग, विशेष रूप से छोटे व्यापारी 10 रुपये के सिक्कों को लेने में अनिच्छुक हैं.
हालांकि कुछ लोग जानते है कि 10 रूपये का सिक्का प्रचलन में है, फिर भी स्थानीय विक्रेताओं और दुकानदारों के बीच इसकी वैधता को लेकर संशय है.
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राजकीय विद्यालय के शिक्षक मंगलुम्बी ने बताया कि विक्रेता, ज्यादातर किराने के दुकानवाले 10 रुपये के सिक्कों में सौदा नहीं करते हैं, जबकि निजी बैंक भी इसे स्वीकार नहीं करते हैं.
यहां एक स्थानीय बाजार में सब्जी विक्रेता वेंडर पी पिशक ने कहा कि उन्हें इसका सही कारण नहीं पता है, लेकिन उनके सहयोगियों ने उनसे 10 रुपये के सिक्के नहीं लेने के लिए कहा है.
आरबीआई की इम्फाल शाखा के महाप्रबंधक मैरी टंगपुआ ने गलतफहमी को साफ करते हुए कहा कि अनिच्छा से टेंडर की "वास्तविकता" को लेकर हो रही अफवाहों से उपजी है.
उन्होंने पीटीआई से कहा कि 10 मूल्य का सिक्का, जो 14 डिजाइनों में आता है, नकली नहीं है और बिना किसी संकोच के स्वीकार किया जा सकता है.
उन्होंने कहा, "नोटबंदी को 2.5 साल हो गए हैं, लेकिन लोग आज भी संदेह में है कि क्या कानूनी है, क्या नहीं."
जब उनसे कहा गया कि मणिपुर में कुछ बैंकों ने कथित तौर पर 10-मूल्य के सिक्कों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है, तो उन्होंने कहा कि अगर आरबीआई के साथ शिकायतें दर्ज की जाती हैं, तो उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.