नई दिल्ली: कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी तेजी के साथ फैल रहा है. भारत भी हाल के दिनों में अपने सबसे खराब स्वास्थ्य आपातकाल से गुज़र रहा है. देश में पांच सौ से ज्यादा लोग इसके चपेट में आ चुके हैं.
ऐतिहासिक गिरावट का सामना कर रहे शेयर बाजारों में निवेशकों के लाखों करोड़ डूब रहें है. एक अनुमान के तौर पर सिर्फ 23 मार्च को निवेशकों को 14 लाख करोड़ का नुकसान हुआ.
वित्तीय क्षेत्र में आने वाले तनाव को देखते हुए दुनिया भर के कई प्रमुख केंद्रीय बैंकों ने भुगतान और निपटान प्रणाली को बचाने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं.
वैश्विक केंद्रीय बैंकों के अनुरूप भारतीय रिज़र्व बैंक और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने उपयुक्त उपायों के साथ वित्तीय बाजारों के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने में सक्रिय रहे हैं.
एक तरफ जहां रिज़र्व बैंक बाजार में तरलता बनाये रखने का प्रयास कर रहा है. वहीं, सेबी ने शेयर बाजारों में अस्थिरता को कम करने के लिए 40 प्रतिशत तक मार्जिन बढ़ाकर शॉर्ट सेल को कमजोर कर दिया है.
आरबीआई ने वायरस से लड़ने की रणनीति बनाई
रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस के संक्रमण से देश की वित्तीय प्रणाली को सुरक्षित और चाक चौबंद रखने के लिये आपात स्तर पर एक युद्ध-कक्ष तैयार किया है. इस कक्ष में रिजर्व बैंक के 90 महत्वपूर्ण कर्मचारी काम कर रहे हैं. एक अधिकारी के अनुसार, रिजर्व बैंक ने यह कक्ष आकस्मिक कार्य योजना (बीसीपी) के तहत तैयार किया है. यह 19 मार्च से काम कर रहा है और 24 घंटे सक्रिय है.
इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) ने सबसे आवश्यक सेवाएं प्रदान करने के लिए चुनिंदा शाखाओं को खोलने का सुझाव दिया. इसने ग्राहकों को बैंक कर्मचारियों को वायरस से बचाने के लिए डिजिटल मोड पर स्विच करने की सलाह दी.
रिजर्व बैंक बाजार में स्थिरता बनाये रखने के ध्येय से बांड की खरीद बिक्री (खुले बाजार की गतिविधियां-ओएमओ) के जरिये अगले सप्ताह बाजार में 30,000 करोड़ रुपये की नकदी डालेगा. केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि आरबीआई खुली बाजार गतिविधियों के जरिये सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद-फरोख्त की व्यवस्था करेगा. यह खरीद 30,000 करोड़ रुपये की होगी और दो किस्तों में की जाएगी. यह खरीद 15,000-15,000 रुपये की इसी महीने में होगी.
रिजर्व बैंक जल्द ही सिस्टम में 1 लाख करोड़ रुपये डालेगा. आरबीआई ने टर्म रेपो ऑक्शन के जरिये यह राशि उपलब्ध कराई जाएगी और भविष्य में ज्यादा की जरूरत हुई तो ऐसे और भी कदम उठाए जा सकते हैं. इसमें से 50 हजार करोड़ रुपये की पहली खेप सोमवार को ही जारी भी कर दी गई. आरबीआई ने कहा कि योजना की अगली 50 हजार करोड़ की नकदी मंगलवार को जारी की जाएगी.
अगला सहायक कदम