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कोविड-19 से 6 करोड़ लोग गरीबी की दलदल में फंसेंगे, 100 देशों को 160 अरब डॉलर की सहायता: विश्वबैंक

विश्वबैंक के अध्यक्ष डेविड मालपॉस ने एक कांफ्रेन्स कॉल में संवाददाताओं से कहा, "इस महामारी और विकसित अर्थव्यवस्थाओं के बंद होने से 6 करोड़ से अधिक लोग गरीबी की दलदल में फंस जाएंगे. हाल के दिनों में गरीबी उन्मूलन की दिशा में हमने जो प्रगति की है, उसमें से बहुत कुछ खत्म हो जाएगा."

कोविड-19 से 6 करोड़ लोग गरीबी की दलदल में फंसेंगे, 100 देशों को 160 अरब डॉलर की सहायता: विश्वबैंक
कोविड-19 से 6 करोड़ लोग गरीबी की दलदल में फंसेंगे, 100 देशों को 160 अरब डॉलर की सहायता: विश्वबैंक

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Published : May 20, 2020, 12:14 AM IST

वॉशिंगटन: विश्वबैंक ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनिया भर में 6 करोड़ से अधिक लोग निपट गरीबी के दलदल में फंसेंगे. इस वैश्विक निकाय ने इस वैश्विक संकट से उबरने के अभियान के तहत 100 विकासशील देशों को 160 अरब डॉलर की सहायता देने की घोषणा की है. यह पूरी सहायता पंद्रह महीने की अवधि में दी जाएगी.

विश्वबैंक के अध्यक्ष डेविड मालपॉस ने एक कांफ्रेन्स कॉल में संवाददाताओं से कहा, "इस महामारी और विकसित अर्थव्यवस्थाओं के बंद होने से 6 करोड़ से अधिक लोग गरीबी की दलदल में फंस जाएंगे. हाल के दिनों में गरीबी उन्मूलन की दिशा में हमने जो प्रगति की है, उसमें से बहुत कुछ खत्म हो जाएगा."

उन्होंने कहा, "विश्वबैंक समूह ने तेजी से कदम उठाया है और 100 देशों में आपात सहायता अभियान शुरू किया है. इसमें अन्य दानदाताओं को कार्यक्रम के तेजी से आगे बढ़ाने की अनुमति होती है."

उन्होंने कहा कि 160 अरब डालर की राशि 15 माह में दी जाएगी. विश्वबैंक से सहायता पा रहे इन 100 देशों में दुनिया की 70 प्रतिशत आबादी रहती है. इनमें से 39 अफ्रीका के उप-सहारा क्षेत्र के हैं. कुल परियोजनाओं में एक तिहाई अफगानिस्तान, चाड, हैती और नाइजर जैसे नाजुक और चरमपंथ प्रभावित क्षेत्रों में हैं.

मालपॉस ने कहा, "वृद्धि के रास्ते पर लौटने के लिये हमारा लक्ष्य स्वास्थ्य आपात से निपटने को लेकर तीव्र और लचीला रुख होना चाहिए. साथ ही गरीबों की मदद के लिये नकद और अन्य सहायता, निजी क्षेत्र को बनाये रखना तथा अर्थव्यवस्था की मजबूती और पुनरूद्धार को मजबूत बनाना होना चाहिए."

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उन्होंने कहा कि कार्यक्रम को देशों के हिसाब से तैयार किया है ताकि वे स्वास्थ्य, आर्थिक सामाजिक झटकों से प्रभावी तरीके से निपट सके जिसका वे सामना कर रहे हैं. मालपॉस ने कहा कि इस कार्यक्रम से स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत होगी और जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरणों की खरीद में मदद मिलेगी.

(पीटीआई-भाषा)

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