नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि उसने केन्द्रीय करों और शुल्कों में राज्यों के हिस्से की 46,038.70 करोड़ रुपये की मई माह की किस्त को मंजूरी दे दी है. वहीं, सूत्रों ने बताया कि माल एवं सेवाकर (जीएसटी) क्षतिपूर्ति के रूप में राज्यों को इस वित्त वर्ष में अब तक 15,340 करोड़ रुपये जारी किये जा चुके हैं.
वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, "मई माह के लिये राज्यों के हिस्से की जारी की गई किस्त अप्रैल के ही समान है. इसकी गणना सरकार की मौजूदा वास्तविक प्राप्तियों के आधार पर नहीं बल्कि वर्ष 2020- 21 के बजट अनुमानों के आधार पर की गई है."
इसमें कहा गया है कि केन्द्र सरकार का सबसे बड़ा उद्देश्य कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में राज्यों के राजस्व की रक्षा करने के साथ ही उनकी नकदी जरूरतों को पूरा करना है.
वित्त मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि जहां तक राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति की बात है 2019- 20 में नवंबर 2019 तक राजयों को 1,20,498 करोड़ रुपये जारी किये जा चुके हैं जबकि इससे पिछले वर्ष 2018- 19 में पूरे साल के दौरान 69,275 करोड़ रुपये जारी किये गये. उससे पहले 2017- 18 में 41,146 करोड़ रुपये राज्यों को दिये गये. जीएसटी प्रणाली एक जुलाई 2017 से लागू है.
इस साल के बजट में केन्द्रीय करों में राज्यों का हिस्सा 7.84 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है. 15वें वित्त आयोग ने विभाजित होने वाले राजस्व पूल में से राज्यों का हिस्सा 41 प्रतिशत रखने की सिफारिश की है. इसके अलावा नपवगठित केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख के लिये एक प्रतिशत राशि तय की गई है. इससे पहले 14वें वित्त आयोग ने केन्द्रीय करों में राज्यों का हिस्सा 42 प्रतिशत रखने का सुझाव दिया था.