नई दिल्ली: वाणिज्य मंत्रालय ने व्यापार सुविधा और माल परिवहन (लॉजिस्टिक्स) के लिए अलग विभाग बनाने का प्रस्ताव किया है ताकि विभिन्न सरकारी इकाइयों के बीच बेहतर समन्व्य स्थापित किया जा सके. एक अधिकारी ने यह बात कही.
वर्तमान में, माल परिवहन (लॉजिस्टिक्स) से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर नजर रखने के लिए अलग से कोई विभाग नहीं है, जिसमें समुद्र, सड़क और रेलवे जैसे मार्गों से होने वाले आयात-निर्यात को कवर करता हो.
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वाणिज्य मंत्रालय ने नई सरकार के लिए 100 दिवसीय कार्य योजना तैयार की है. यह प्रस्ताव उसी का हिस्सा है. नई सरकार 30 मई को कार्यभार संभालेगी. अधिकारी ने कहा, "व्यापार सुविधा और माल परिवहन के लिए अलग विभाग बनाने से विभिन्न इकाइयों के बीच बेहतर तालमेल कायम हो सकेगा."
वर्तमान में लॉजिस्टिक्स विभाग वाणिज्य विभाग के अधीन काम करता है और विशेष सचिव स्तर का अधिकारी इसका प्रमुख होता है. लॉजिस्टिक्स एक प्रमुख घटक है जो माल की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने और परिवहन लागत एवं समय को कम करके निर्यातकों और घरेलू कारोबारियों की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने में मददगार साबित होगा.
अधिकारी ने कहा कि लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में रेल, सड़क और नौवहन समेत विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के बीच बहुत तालमेल की जरूरत है. प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने इस साल जनवरी में अलग माल परिवहन विभाग स्थापित करने की सिफारिश की थी ताकि परिवहन क्षेत्र और कारोबारी सुगमता (कारोबार करने में आसानी) को बढ़ावा दिया जा सके.
दस सूत्रीय कार्य योजना में राष्ट्रीय लॉजिस्टिक (माल परिवहन) नीति, मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक नीति, एकीकृत राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स कार्य योजना और लॉजिस्टिक प्लानिंग एवं प्रदर्शन प्रबंधन टूल पेश करने का प्रस्ताव है. योजना के मुताबिक, माल परिवहन के विविध रूप (एमएमटीजी) विधेयक संसद में पेश किया जाएगा. यह मौजूदा एमएमटीजी अधिनियम 1993 की जगह लेगा.