दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

उच्चतम न्यायालय ने रद्द किया आम्रपाली का पंजीयन और संपत्तियों का पट्टा - एफडीआई

अदालत ने पाया कि आम्रपाली समूह के शीर्ष प्रबंधन ने मकान खरीदने वालों के धन का प्रयोग भवन परियोजनाओं को पूरा करने के बजाय निजी संपत्ति खरीदने में किया. अदालत ने कहा, "आम्रपाली ग्रुप के शीर्ष प्रबंधन ने यह धन विदेश में भेज दिया."

उच्चतम न्यायालय ने रद्द किया आम्रपाली का पंजीयन और संपत्तियों का पट्टा

By

Published : Jul 23, 2019, 3:12 PM IST

Updated : Jul 23, 2019, 7:51 PM IST

नई दिल्ली:आम्रपाली समूह के 42,000 खरीदारों को राहत देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को रियल एस्टेट कंपनी का रेरा पंजीकरण रद्द कर दिया और सरकारी राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम लिमिटेड (एनबीसीसी) को कंपनी की लंबित परियोजनाएं पूरी करने का निर्देश दिया है.

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति यू.यू. ललित की सदस्यता वाली पीठ ने कहा कि आम्रपाली समूह ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) और प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) के नियमों का बड़ा उल्लंघन किया है. पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को कंपनी, उसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) और निदेशकों के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है.

देखिए रिपोर्ट

अदालत ने पाया कि आम्रपाली समूह के शीर्ष प्रबंधन ने मकान खरीदने वालों के धन का प्रयोग भवन परियोजनाओं को पूरा करने के बजाय निजी संपत्ति खरीदने में किया.
अदालत ने कहा, "आम्रपाली ग्रुप के शीर्ष प्रबंधन ने यह धन विदेश में भेज दिया."

ये भी पढ़ें-महिंद्रा की तुलना में दो गुने से अधिक रहा टाटा मोटर्स के प्रबंध निदेशक का पैकेज

अदालत ने साथ ही कहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्रशासन ने परियोजना की प्रगति की निगरानी में लापरवाही बरती.

शीर्ष अदालत ने 10 मई को इस मामले में फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि घर खरीदार पहले ही 1,100 करोड़ रुपये दे चुके हैं जो कि इसकी परियोजनाओं की कीमत से ज्यादा हैं. अदालत ने बैंकों और संबंधित प्राधिकारियों से पूछा था कि क्या नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्रशासन परियोजनाओं को पूरा करने की जिम्मेदारी ले सकते हैं.

Last Updated : Jul 23, 2019, 7:51 PM IST

For All Latest Updates

ABOUT THE AUTHOR

...view details