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एनसीएलएटी के आदेश के खिलाफ टीसीएस भी पहुंची उच्चतम न्यायालय

शेयर बाजारों को भेजी सूचना में टीसीएस ने कहा है कि राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने 18 दिसंबर 2019 के अपने फैसले में साइरस मिस्त्री को उनके बचे कार्यकाल के लिये कंपनी का निदेशक बनाये जाने का निर्देश दिया है.

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एनसीएलएटी के आदेश के खिलाफ टीसीएस भी पहुंची उच्चतम न्यायालय

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Published : Jan 4, 2020, 7:53 PM IST

नई दिल्ली: टाटा समूह की अग्रणी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सविर्सिज (टीसीएस) ने भी एनसीएलएटी के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है. एनसीएलएटी ने हाल के अपने आदेश में साइरस मिस्त्री को फिर से कंपनी का निदेशक बनाने का फैसला सुनाया है.

शेयर बाजारों को भेजी सूचना में टीसीएस ने कहा है कि राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने 18 दिसंबर 2019 के अपने फैसले में साइरस मिस्त्री को उनके बचे कार्यकाल के लिये कंपनी का निदेशक बनाये जाने का निर्देश दिया है.

"..... कंपनी ने कानूनी राय के आधार पर 3 जनवरी 2020 को माननीय उच्चतम न्यायालय में अपील दर्ज की है. इसमें न्यायाधिकरण के फैसले को खारिज करने और जहां तक कंपनी से संबंध की बात है फैसले के अमल पर अंतरिम रूप से स्थगन दिये जाने का अनुरोध किया गया है."

उल्लेखनीय है कि एनसीएलएटी ने अपने बहुप्रतिक्षित फैसले में साइरस मिस्त्री को फिर से टाटा संस के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बिठाने को कहा गया है. इस फैसले में एन चंद्रशेखरन को टाटा संस के चेयरमैन पद पर नियुक्त करने को भी अवैध बताया गया.

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टाटा संस नमक से लेकर साफ्टवेयर बनाने वाले समूचे टाटा समूह की कंपनियों की होल्डिंग कंपनी है. एनसीएलएटी के 18 दिसंबर के फैसले के बाद टाटा संस ने सबसे पहले उच्चतम न्यायालय का रुख किया.

इसके बाद टाटा समूह के वयोवृद्ध और कई साल तक चेयरमैन रह चुके रतन टाटा ने भी उच्चतम न्यायालय में फैसले को चुनौती देने वाली याचिका दायर की.

उन्होंने एनसीएलएटी के फैसले को "मामले के रिकार्ड के प्रतिकूल, गलत और अशुद्ध बताया."

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