हैदराबाद: क्या आप 21 दिनों के कोरोना लॉकडाउन के दौरान कोई हॉलीवुड या बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर देखने की सोच रहें हैं, लेकिन यूट्यूब, नेटफ्लिक्स या अमेज़ॉन प्राइम वीडियो पर वीडियो की गुणवत्ता का एचडी नहीं है?
तो घबराने की कोई बात नहीं है और ना ही अपने सेवा प्रदाता को दोष देने की जरुरत है, क्योंकि कोरोना वायरस के कारण वैश्विक इंटरनेट उपयोग में भारी वृद्धि के कारण आपकी वीडियो गुणवत्ता से समझौता हो रहा है.
कोरोना वायरस महामारी फैलने के कारण लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी गई है. जिससे लोग घरों में रहने को मजबूर हो गए है और जम कर इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहें हैं. इंटरनेट के उपयोग में इस अचानक उछाल से निपटने के लिए फेसबुक, अमेज़ॉन वीडियो, नेटफ्लिक्स और यूट्यब ने हाई डेफिनिशन और अल्ट्रा-हाई डेफिनिशन से क्वालिटी घटाकर कर इसे कम गुणवता का कर दिया है.
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गूगल के प्रवक्ता ने ईटीवी भारत से भारत करने हुए कहा, "हम इस अभूतपूर्व स्थिति के दौरान सिस्टम पर तनाव को कम करने के लिए दुनिया भर की सरकारों और नेटवर्क ऑपरेटरों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. पिछले हफ्ते, हमने घोषणा की थी कि हम यूट्यूब पर सभी वीडियो को यूरोपीय संघ में मानक परिभाषा में अस्थायी रूप से डिफ़ॉल्ट कर रहे हैं. इस संकट की वैश्विक प्रकृति को देखते हुए, हम विश्व स्तर पर उस परिवर्तन का विस्तार करेंगे."
यूट्यूब के साथ-साथ वीडियो-स्ट्रीमिंग सेवा नेटफ्लिक्स, अमेजॉन, डिजनी प्लस और एप्पल ने भी यूरोप के बाद सभी देशों में बैंडविड्थ को कम करने के लिए आगे बढ़े हैं. फेसबुक और इंस्टाग्राम ने भारत, यूरोप के साथ-साथ लैटिन अमेरिका में भी वीडियो की गुणवत्ता कम करने की घोषणा की है.