वॉशिंगटन/नई दिल्ली: देश की दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस कर धोखाधड़ी और विदेशी कर्मचारियों के गलत वर्गीकरण के आरोपों को निपटाने के लिए 8,00,000 डॉलर (करीब 5.6 करोड़ रुपये) का भुगतान करने के लिए तैयार हो गई है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल जेवियर बेसेरा ने कहा कि इंफोसिस अपने ऊपर लगे आरोपों को निपटाने के लिए आठ लाख डॉलर का भुगतान करेगी. आरोपों में कहा गया था कि 2006 से 2017 के बीच कंपनी के करीब 500 कर्मचारी एच -1 बी वीजा की जगह बी -1 वीजा पर राज्य में काम कर रहे थे.
इस गलत वर्गीकरण के चलते इंफोसिस कैलिफोर्निया पेरोल करों का भुगतान करने से बच गई. इसमें बेरोजगारी बीमा , विकलांगता बीमा और रोजगार प्रशिक्षिण कर शामिल हैं.
अधिकारिक बयान में कहा गया है कि एच -1 बी वीजा में नियोक्ता को कर्मचारियों को मौजूदा स्थानीय वेतन का भुगतान करना जरूरी होता है.