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इंफोसिस ने तीसरी तिमाही में दर्ज किया 4,466 करोड़ का लाभ - कारोबार न्यूज

कंपनी ने कहा कि आलोच्य तिमाही के दौरान उसका राजस्व 7.9 प्रतिशत बढ़कर 23,092 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. कंपनी ने स्थिर मुद्रा मूल्य के आधार पर 2019-20 के लिए राजस्व वृद्धि का अनुमान पहले के 9-10 प्रतिशत से बढ़ाकर 10-10.5 प्रतिशत कर दिया.

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इंफोसिस ने तीसरी तिमाही में दर्ज किया 4,466 करोड़ का लाभ

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Published : Jan 10, 2020, 6:03 PM IST

Updated : Jan 10, 2020, 11:44 PM IST

बेंगलुरु: सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी घरेलू कंपनी इन्फोसिस का एकीकृत शुद्ध लाभ दिसंबर तिमाही में 23.7 प्रतिशत बढ़कर 4,466 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. कंपनी ने बीएसई को भेजी जानकारी में कहा कि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में उसे 3,610 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था.

कंपनी ने कहा कि आलोच्य तिमाही के दौरान उसका राजस्व 7.9 प्रतिशत बढ़कर 23,092 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. कंपनी ने स्थिर मुद्रा मूल्य के आधार पर 2019-20 के लिए राजस्व वृद्धि का अनुमान पहले के 9-10 प्रतिशत से बढ़ाकर 10-10.5 प्रतिशत कर दिया.

कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक सलिल पारेख ने कहा, "तीसरी तिमाही के परिणाम बताते हैं कि हम अपने ग्राहकों के साथ अपनी यात्रा को मजबूती से जारी रखे हुए हैं और उनके साथ गहरे से जुड़ रहे हैं. वे डिजिटल बदलाव के अगले युग में प्रवेश के लिए हमारे साथ जुड़े हैं."

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पारेख ने कहा कि इससे साल भर पहले की तुलना में वृद्धि दर 10 प्रतिशत से अधिक हो गई है जिससे परिचालन लाभ बढ़ने के साथ ही राजस्व भी बढ़ा है. इन्फोसिस के मुख्य परिचालन अधिकारी प्रवीण राव ने कहा कि इस साल बड़े सौदों में 56 प्रतिशत की शानदार वृद्धि हुई है.

उन्होंने कहा, "कर्मचारियों के छोड़ जाने की दर में और गिरावट आई है, इससे कर्मचारियों के साथ हमारे जुड़ाव को मजबूत करने के प्रयासों का पता चलता है."

डॉलर में दिसंबर तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 24.8 प्रतिशत बढ़कर 62.7 करोड़ डॉलर और राजस्व 8.6 प्रतिशत बढ़कर 3.24 अरब डॉलर पर पहुंच गया. इस दौरान कर्मचारियों की संख्या में 6,968 लोगों की वृद्धि हुई और कुल कर्मचारियों की संख्या 2 लाख 43 हजार 454 पर पहुंच गई.

कर्मचारियों के नौकरी छोड़ जाने की दर कम होकर 19.6 प्रतिशत पर आ गई. कंपनी ने एक अलग बयान में बताया कि निदेशक मंडल की ऑडिट समिति ने व्हिसलब्लोअर के आरोपों की स्वतंत्र जांच पूरी कर ली है. जांच में वित्तीय अनियमितता या कार्यकारियों द्वारा दुर्व्यवहार करने के कोई सबूत नहीं मिले हैं.

कंपनी ने कहा कि इसकी ऑडिट कमेटी ने मुख्य कार्यकारी सलिल पारिख व मुख्य फाइनैंशल अधिकारी नीलांजन रॉय के खिलाफ किसी तरह की वित्तीय गड़बड़ी या गलती के साक्ष्य नहीं मिले.

इन्फोसिस ने कहा, "आरोपों में वास्तव में कोई दम नहीं है." इंफोसिस के एक अनाम कर्मचारी ने खुद को नैतिक बताते हुए पारिख व रॉय पर वित्तीय हेरफेर व दूसरे कई आरोप लगाए थे.

Last Updated : Jan 10, 2020, 11:44 PM IST

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