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कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण लगभग आधा हुआ इंडियन ऑयल का मुनाफा

शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि तिमाही के दौरान उसका एकल शुद्ध लाभ 46.8 प्रतिशत घटकर 1,910.84 करोड़ रुपये या 2.08 रुपये प्रति शेयर रहा. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी का एकल शुद्ध लाभ 3,596.11 करोड़ रुपये या 3.92 रुपये प्रति शेयर रहा था.

कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण लगभग आधा हुआ इंडियन ऑयल का मुनाफा
कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण लगभग आधा हुआ इंडियन ऑयल का मुनाफा

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Published : Jul 31, 2020, 4:53 PM IST

नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) का चालू वित वर्ष की जून में समाप्त पहली तिमाही का शुद्ध लाभ 47 प्रतिशत घट गया है.

कोविड-19 महामारी की वजह से ईंधन की मांग प्रभावित होने से कंपनी का रिफाइनिंग मार्जिन घटा है, जिसकी वजह से उसका मुनाफा नीचे आया है.

शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि तिमाही के दौरान उसका एकल शुद्ध लाभ 46.8 प्रतिशत घटकर 1,910.84 करोड़ रुपये या 2.08 रुपये प्रति शेयर रहा. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी का एकल शुद्ध लाभ 3,596.11 करोड़ रुपये या 3.92 रुपये प्रति शेयर रहा था.

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पहली तिमाही में ज्यादातर समय कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन में रहा. इस दौरान वाहनों की आवाजाही पर अंकुश था. इससे तिमाही के दौरान आईओसी की बिक्री 29 प्रतिशत घटकर 1.52 करोड़ टन रही. तिमाही के दौरान कंपनी की रिफाइनरियों ने 25 प्रतिशत कम यानी 1.29 करोड़ टन कच्चे तेल का प्रसंस्करण किया.

कंपनी ने कहा कि तिमाही के दौरान उसे प्रत्येक एक बैरल कच्चे तेल के प्रसंस्करण पर 1.98 डॉलर का घाटा हुआ. कंपनी ने कहा, "देश-दुनिया में कोरोना वायरस महामारी फैलने से कारोबारी और आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुईं. भारत में इस महामारी पर अंकुश के लिए 25 मार्च को लॉकडाउन लगाया था. इससे कच्चे तेल की वैश्विक मांग प्रभावित हुई तथा आपूर्ति श्रृंखला में बाधा आई. इस दौरान कंपनियों को लघु अवधि के लिए अपना परिचालन घटाना पड़ा या पूरी तरह बंद करना पड़ा."

जून तिमाही में कंपनी की परिचालन आय घटकर 88,936.54 करोड़ रुपये रह गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1,50,136.70 करोड़ रुपये रही थी. कंपनी ने कहा कि अप्रैल में राष्ट्रव्यापी बंद की वजह से उसकी बिक्री बुरी तरह प्रभावित हुई. इस दौरान संयंत्रों ने भी कम क्षमता पर परिचालन किया. हालांकि, जून तक यह बहुत हद तक सामान्य स्थिति में आ गई.

(पीटीआई-भाषा)

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