नई दिल्ली:गृहमंत्रालय ने गैर सरकारी संगठन इंफोसिस फाउंडेशन के अनुरोध पर विदेशी अनुदान प्राप्त करने के नियमों के तहत कराया गया उसका पंजीकरण समाप्त कर दिया है. संगठन का कहना है कि संबंधित कानून में संशोधन के बाद वह उसके दायरे में नहीं आ रहा था.
विदेशों से सहायता लेने वाले गैर-सरकारी संगठनों को विदेशी चंदा (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकरण कराना होता है. ऐसे किसी चंदे का हिसाब-किताब संगठन को हर साल वित्तवर्ष समाप्त होने के बाद नौ माह के भीतर सरकार को देना होता है.
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इन्फोसिस फाउंडेशन ने एक बयान में कहा कि, "यह स्पष्ट करना चाहता है कि उसने एफसीआरए का कोई उल्लंघन नहीं किया है और उसके अनुरोध पर एफसीआरए के अंतर्गत उसका पंजीकरण समाप्त कर किया गया है."
हालांकि मंत्रलाय के अधिकारियों के अनुसार गृह मंत्रालय ने इंफोसिस फाउंडेशन को पिछले साल कारण बताओ नोटिस जारी किया था. संगठन ने विदेशी धन की प्राप्ति और व्यय का पिछले कुछ साल का वार्षिक ब्योरा नहीं प्रस्तुत किया था. बार-बार अनुस्मारक पत्र जारी किए जाने पर भी उक्त विवरण न देने के कारण उसे नोटिस जारी किया गया था.
संपर्क किए जाने पर इंफोसिस फाउंडेशन ने कहा कि उसने गृह मंत्रालय से एफसीआरए पंजीकरण रद्द करवाने के लिए खुद ओवदन किया था और उसकी पैरवी की थी. उसके बाद गृहमंत्रालय ने यह कार्रवाई की.
वर्ष 1996 से शिक्षा, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य सेवा ,कला और संस्कृति आदि क्षेत्रों में काम कर रहे फाउंडेशन के जन संपर्क अधिकारी ऋषि बसु ने कहा कि एफसीआरए में 2016 में किए गए संशोधन के बाद उनका संगठन इस अधिनियम के दायरे में नहीं आता. उन्होंने कहा, ‘हमने मंत्रालय से संपर्क कर इस पर विचार करने को कहा था. हम अनुरोध स्वीकार करने के लिए मंत्रालय को धन्यवाद देते हैं.
इंफोसिस के संस्थापक चेयरमैन एन आर नारायणमूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति इसकी अध्यक्ष हैं. गृह मंत्रालय ने पिछले साल 1,755 गैर सरकारी संगठनों को नोटिस दिए थे. इसमें कुछ कंपनियां भी हैं.