मुंबई : सरकार जेट एयरवेज के अंतरराष्ट्रीय परिचालन को चालू रखने की पात्रता पर नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की रिपोर्ट मिलने के बाद समीक्षा करेगी. नागर विमानन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी के बेड़े में गुरुवार को विमानों की संख्या घटकर मात्र 14 पर आ गई. जेट का परिचालन जब अपने चरम दौर में था तब उसके विमानों की संख्या 123 थी.
नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खारोला ने पीटीआई- भाषा से फोन पर कहा, "हमने जेट से ब्योरा मांगा है. डीजीसीए ने यह जानकारी मांगी है. ब्योरा मिलने के बाद हम इस पर गौर करेंगे." उनसे पूछा गया था कि क्या मंत्रालय जेट की अंतरराष्ट्रीय परिचालन को जारी रखने की पात्रता की समीक्षा करने जा रहा है. फिलहाल जेट एयरवेज का नियंत्रण एसबीआई की अगुवाई वाले बैंकों के गठजोड़ के पास है.
भुगतान संकट की वजह से एयरलाइन अपने परिचालन को जारी रखने के लिए कड़े संघर्ष से गुजर रही है. पट्टा किराये का भुगतान नहीं होने की वजह से उसके ज्यादातर विमान खड़े हो चुके हैं. गुरुवार को जेट के जो 14 विमान परिचालन में थे उनमें से आठ बड़े आकार के बी 777 और एक ए330 था, जिनका इस्तेमाल लंबी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए किया जाता है,
शेष छह विमानों में से तीन बी-737 हैं जिनका इस्तेमाल मुख्य रूप से घरेलू उड़ानों के लिए किया जाता है. शेष तीन क्षेत्रीय एटीआर विमान हैं.
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