नई दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत में ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों द्वारा निवेश की असीम संभावनाएं हैं.
गोयल ने शुक्रवार कहा कि भारत ने खनन और रक्षा उत्पाद जैसे क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों को उदार किया है.
उन्होंने दोनों देशों के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार करार वार्ताओं में प्रगति की भी उम्मीद जताई. इसे आधिकारिक रूप से वृहद आर्थिक भागीदारी करार (सीईपीए) कहा जाता है.
गोयल ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के भागीदारी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "मेरा मानना है कि भारत में ऑस्ट्रेलियाई निवेश की असीम संभावनाएं हैं क्योंकि भारत ने एफडीआई नियमों को उदार किया और खनन और रक्षा उत्पादन जैसे क्षेत्रों को खोला है. ये ऐसे क्षेत्र हैं जो प्राकृतिक रूप से ऑस्ट्रेलिया की रुचि वाले हैं."
उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया कई भारतीय कंपनियों विशेषरूप से बैंकिंग, आईटी और पेट्रोलियम फर्मों के लिए आकर्षक निवेश गंतव्य है.
मंत्री ने कहा, "हम तेजी से कुछ ऐसी कंपनियों की समस्याएं सुलझाने का प्रयास जिन्हें वहां दिक्कतें आ रही हैं और मुझे उम्मीद है कि वे तेजी से अपनी परियोजनाओं का क्रियान्वयन कर पाएंगी और ऑस्ट्रेलिया के लोगों को रोजगार आदि उपलब्ध करा पाएंगी."
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उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया को भारत का निर्यात काफी कम है और व्यापार संतुलन के लिए इसे बढ़ाने की जरूरत है. वित्त वर्ष 2019-20 में ऑस्ट्रेलिया को भारत का निर्यात 2.9 अरब डॉलर रहा. वहीं आस्ट्रेलिया से आयात 9.8 अरब डॉलर रहा था.
वेबिनार को संबोधित करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सीनेटर साइमन बर्मिंघम ने कहा, "मैं विशेष रूप से आस्ट्रेलिया-भारत सीईपीए की वार्ता में प्रगति देखना चाहता हूं."
उन्होंने कहा कि दोनों देशों की क्रिकेट टीमें इस समय मैदान में हैं, ऐसे में मैं चाहता हूं कि गेंद को छक्के के लिए भेजें और इस करार को लेकर तेजी से कदम उठाएं और कुछ तेज रन बनाएं.
(पीटीआई-भाषा)