हैदराबाद: महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने गुरुवार को अंतरिक्ष क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी साझेदारी की तुलना पौराणिक चरित्र और भगवान विष्णु के चौथे अवतार 'नरसिंह' भगवान के साथ करते हुए इस तथ्य पर जोर दिया कि अंतरिक्ष क्षेत्र को अपनी पूरी क्षमता को उपयोग करने के लिए अलग और नए तरीके से सोचने की जरूरत है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा 'अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की क्षमता को अनलॉक करने' पर आयोजित एक वेबिनार के दौरान बात करते हुए, महिंद्रा ने कहा, "दो अलग-अलग हिस्सों जुड़कर एक बहुत अप्रत्याशित काम करते हैं. मैं विष्णु अवतार नरसिम्हन - आधा आदमी, आधा शेर के बारे में सोच रहा हूं. मैं एक सार्वजनिक-निजी साझेदारी के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र की कल्पना कर रहा हूं जो एक इंसान की निडरता, गति, शक्ति और शेर की सहज प्रवृत्ति के साथ ज्ञान और बुद्धि को जोड़ती है."
महिंद्रा ने आगे यह समझाया कि कैसे नरसिंह को हिरण्यकश्यप राक्षस पर विजय प्राप्त करने के लिए अलग-अलग तरह से सोचना पड़ा, जो न तो हथियारों से मारा जा सकता था और न ही किसी व्यक्ति द्वारा, न दिन में और नही रात में, न तो धरती पर और न ही आकाश में मारा जा सकता था.
महिंद्रा ने कहा, "हम सभी से आग्रह करेंगे कि कहानी को ध्यान में रखें (कैसे नरसिंह ने हिरण्यकश्यप को सभी विषमताओं के बावजूद मार डाला) क्योंकि हम अंतरिक्ष क्षेत्र को अनलॉक करने के तरीकों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं. ऐसी संरचनाएं और प्रणालियां बनाने के बारे में सोचें, जो पहले कभी अस्तित्व में नहीं थीं, लक्ष्य को हासिल करने के बारे में अलग तरह से सोचें, चाहे आप सार्वजनिक हों या निजी खिलाड़ी."
उन्होंने कहा, "हम इसे नरसिंह की तरह समस्या हल करने वाली अगली पीढ़ी का निर्माण करने के लिए अपने काम का हिस्सा बनाते हैं. आइए मौजूदा प्रतिमानों और उत्तरों से परे सोचें. हमारा अंतिम लक्ष्य अंतरिक्ष उद्यमिता के लिए एक उत्प्रेरक बनाना है."