नई दिल्ली: कम से कम सात भारतीय दवा कंपनियां कोरोना वायरस संक्रमण का टीका तैयार करने में जुटी हैं. वैश्विक स्तर पर इस जानलेवा महामारी के प्रसार को रोकने के लिए टीका बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं. दुनियाभर में अब तक 1.4 करोड़ लोग इस वायरस से संकमित हो चुके हैं.
अब तक यह महामारी वैश्विक स्तर पर छह लाख से अधिक लोगों की जान ले चुकी है. हालांकि, कोई टीका या वैक्सीन बनाने के लिए कई साल परीक्षण और उसके बाद उत्पादन के लिए अतिरिक्त समय की जरूरत होती है. लेकिन इस महामारी की वजह से वैज्ञानिक कुछ महीनों में इसका टीका बनाने की उम्मीद कर रहे हैं.
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ये घरेलू फार्मा कंपनियां कोविड-19 टीके पर काम कर रही हैं
- भारत बायोटेक
- सीरम इंस्टिट्यूट
- जायडस कैडिला
- पैनेशिया बायोटेक
- इंडियन इम्यूनोलॉजिकस
- मायनवैक्स
- बायोलॉजिकल ई
भारत बायोटेक को वैक्सीन 'कैंडिडेट' कोवैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण की अनुमति मिली है. इसका विनिर्माण कंपनी के हैदराबाद कारखाने में किया जाएगा.
कंपनी ने पिछले सप्ताह मानव क्लिनिकल परीक्षण शुरू किया है. एक अन्य कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया को उम्मीद है कि वह इस साल के अंत तक कोविड-19 का टीका तैयार कर लेगी.
सीरम इंस्टिट्यूट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अदर पूनावाला ने पीटीआई-भाषा से कहा, "फिलहाल हम एस्ट्रजेनेका ऑक्सफोर्ड वैक्सीन पर काम कर रहे हैं, जिसका तीसरे चरण का क्लिनिकल परीक्षण चल रहा है. हम अगस्त, 2020 में भारत में मानव परीक्षण शुरू करेंगे. अभी तक क्लिनिकल परीक्षण को लेकर जो सूचना उपलब्ध है उसके आधार पर हमें उम्मीद है कि एस्ट्राजेनेका ऑक्सफोर्ड वैक्सीन इस साल के अंत तक उपलब्ध होगी."