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रिलायंस की बैठक में मुकेश अंबानी कर सकते हैं फेसबुक जैसे नए भागीदारों के साथ नयी पहल की घोषणा - mukesh ambani

विश्लेषकों का कहना है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की 43वीं एजीएम से कोविड-19 के बाद की रणनीतिक दिशा और संपत्तियों के मौद्रिकरण के बारे में जानकारी मिलेगी.

रिलायंस की बैठक में मुकेश अंबानी कर सकते हैं फेसबुक जैसे नए भागीदारों के साथ नयी पहल की घोषणा
रिलायंस की बैठक में मुकेश अंबानी कर सकते हैं फेसबुक जैसे नए भागीदारों के साथ नयी पहल की घोषणा

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Published : Jul 15, 2020, 6:00 AM IST

नई दिल्ली: देश के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी बुधवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में फेसबुक जैसी प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों के साथ भागीदारी का 'लाभ' उठाने से संबंधित घोषणाएं कर सकते हैं.

अंबानी की अगुवाई वाली देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज एजीएम पहली बार ऑनलाइन होने जा रही है.

समझा जाता है कि इस बैठक में अंबानी शेयरधारकों के समक्ष अपनी प्रमुख कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज में तेल को रसायन में बदलने की कड़ी के विस्तार के बारे में कंपनी की सोच के बारे में भी शेयरधारकों को बताएंगे.

इस बैठक में 63 वर्षीय अंबानी मूल्यवर्धित उत्पादों के सृजन के लिए ऊर्जा कण को कॉर्बन मुक्त करने की अपनी सोच के बारे में भी बताएंगे. इस तरह के उत्पादों से कॉर्बन उत्सर्जन बिल्कुल नहीं होगा.

विश्लेषकों का कहना है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की 43वीं एजीएम से कोविड-19 के बाद की रणनीतिक दिशा और संपत्तियों के मौद्रिकरण के बारे में जानकारी मिलेगी.

मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि एजीएम में संपत्ति के मौद्रिकरण (इनविट और ओ2सी कारोबार में हिस्सेदारी बिक्री) की प्रगति की जानकारी दी जाएगी.

इसके अलावा डिजिटल कारोबार में रणनीतिक भागीदारियों के बारे में और ब्योरा सामने आएगा, वित्तीय कारोबार की वृद्धि योजनाओं की जानकारी मिलेगी तथा तेल से रसायन एकीकरण प्रक्रिया तथा नई प्रौद्योगिकियों के बारे में बताया जाएगा.

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अंबानी ने 12 अगस्त, 2019 को हुई पिछली वार्षिक आम बैठक में रिलायंस के प्रौद्योगिकी कारोबार तथा तेल से रसायन कारोबार में हिस्सेदारी बिक्री के जरिये मार्च, 2021 तक पूरी तरह कर्जमुक्त कंपनी बनने की योजना की घोषणा की थी.

तेल से लेकर दूरसंचार तक कई कारोबार करने वाला यह समूह पिछले महीने ही शुद्ध रूप से ऋणमुक्त हो चुका.

कंपनी ने अपनी डिजिटल इकाई जियो प्लेफॉर्म्स में 25.24 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 1.18 लाख करोड़ रुपये की व्यवस्था कर ली है. वहीं रिलायंस के मौजूदा शेयरधारकों को राइट इश्यू जारी कर 53,124 करोड़ रुपये भी जुटाने का भी इंतजाम किया है.

इसके अलावा ईंधन की खुदरा बिक्री कारोबार में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 7,000 करोड़ रुपये जुटाये हैं. कुल मिलाकर कंपनी ने 1.75 लाख करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने की पक्की व्यवस्था कर ली है.

मॉर्गन स्टेनली ने कहा, "हमारा अनुमान है कि निवेशकों का ध्यान संपत्ति मौद्रिकरण के ब्योरे विशेष रूप से दूरसंचार इनविट और सऊदी अरामको को हिस्सेदारी बिक्री, पूंजी आवंटन और कोविड-19 के बाद वृद्धि की रणनीति तथा वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ भागीदारी के ब्योरे पर होगा."

(पीटीआई-भाषा)

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