नई दिल्ली: संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कोरोनो वायरस संकट के दौरान दवाओं और आवश्यक वस्तुओं के वितरण ने डाक विभाग को इस मॉडल पर अधिक जोर देने का अवसर दिया है.
उन्होंने भारतीय डाक विभाग को खुद को भारतीय आपूर्ति श्रृंखला के अगुवा के रूप में तैयार करने को कहा, जिसके माध्यम से टेली-मेडिसिन, कृषि-उत्पाद और अन्य वस्तुओं को सीधे निर्माताओं से खरीदार तक जोड़ा जा सके.
मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 संकट के दौरान डाक विभाग की गतिविधियों और प्रयासों की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि प्रवासियों का डेटा एकत्र करने, उनके कौशल की जानकारी जुटाने, उनके खाते खोलने और मनरेगा और अन्य सरकारी योजनाओं के तहत भुगतान की सुविधा के लिये भी "डाकिया" पहला साधन बनना चाहिये.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान चीफ पोस्टमास्टर जनरल ने सेवा वितरण और क्षेत्रीय विशिष्टताओं को बढ़ावा देने वाले कुछ नये मॉडल साझा किये.
बयान में कहा गया, "जम्मू और कश्मीर ने हाल ही में देश भर में माता वैष्णो देवी मंदिर के प्रसाद और कश्मीर के केसर की आपूर्ति की तैयारी की है."