पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने बताया कि एपीवाई के तहत अंशधारकों की संख्या 1.45 करोड़ है और एनपीएस लेने वालों की संख्या 1.20 करोड़ है. पीएफआरडीए के चेयरमैन हेमंत जी कॉन्ट्रैक्टर ने कहा कि पेंशन योजनाओं को अपनाने वालों की संख्या 2.65 करोड़ हो गई है. हमने हाल में ही संपत्ति प्रबंधन का तीन लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया है. पिछले साल हमारे प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां 40 से 45 प्रतिशत बढ़ीं. इस साल भी अभी इसकी रफ्तार अच्छी है.
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एपीवाई, एनपीएस अपनाने वालों की संख्या मार्च अंत तक 2.72 करोड़ पहुंचने की उम्मीद: पीएफआरडीए
नई दिल्ली: राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) तथा अटल पेंशन योजना (एपीवाई) को अपनाने वालों की संख्या 2.65 करोड़ तक पहुंच गई है. क्षेत्र के नियामक पीएफआरडीए को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष की समाप्ति यानी मार्च अंत तक यह आंकड़ा 2.72 करोड़ तक पहुंच जाएगा.
कॉन्ट्रैक्टर ने कहा कि फरवरी और मार्च हमारे लिए व्यस्त महीने होते हैं. ऐसे में हमें उम्मीद है कि इस साल भी हम पिछले वर्ष के स्तर को हासिल करेंगे. सरकार द्वारा अंतरिम बजट में घोषित नई पेंशन योजना के बारे में कॉन्ट्रैक्टर ने कहा कि यह एपीवाई की तरह है और इसे इस योजना के समानान्तर माना जा सकता है. प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (पीएमएसवाईएम) योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सेवानिवृत्ति यानी 60 साल की उम्र पूरी करने के बाद 3,000 रुपये की सुनिश्चित मासिक पेंशन मिलेगी.
इसके लिए कामगारों को योजना में प्रवेश की उम्र के अनुरूप हर महीने 55 से लेकर 200 रुपये का योगदान करना होगा. कॉन्ट्रैक्टर ने यहां एनपीएस पर पीएफआरडीए के सम्मेलन के मौके पर अलग से बातचीत में कहा कि सरकार की नई योजना एपीवाई की तरह ही है. इसमें यह अंतर है कि इसमें सिर्फ 3,000 रुपये की पेंशन योजना है. इस योजना में सरकार कुल कोष का 50 प्रतिशत योगदान करेगी, एपीवाई में ऐसा नहीं है.
(भाषा)