नई दिल्ली: भारतीय उद्योग जगत और विशेषज्ञों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा बृहस्पतिवार को शुरू की गयी पहचान रहित (फेसलेस) कर आकलन व अपील की घोषणा की सराहना की. उन्होंने कहा कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और ईमानदार करदाता सशक्त होंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर व्यवस्था में सुधारों को आगे बढ़ाते हुए बृहस्पतिवार को पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान मंच की शुरूआत की और इसके साथ ही देशवासियों से स्वप्रेरणा से आगे आकर कर भुगतान का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि करदाता के लिये कर देना या सरकार के लिये कर लेना, ये कोई हक का अधिकार का विषय नहीं है, बल्कि ये दोनों का दायित्व है.
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वीडियो कांफ्रेंन्सिंग के जरिये पारदर्शी कराधान- ईमानदार का सम्मान मंच की शुरूआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "बीते 6-7 साल में आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या में करीब ढाई करोड़ की वृद्धि हुई है. लेकिन ये भी सही है कि 130 करोड़ के देश में ये अभी भी बहुत कम है. इतने बड़े देश में सिर्फ डेढ़ करोड़ साथी ही इन्कम टैक्स जमा करते हैं. इस पर देश को आत्मचिंतन करना होगा. आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मचिंतन जरूरी है. और ये जिम्मेदारी सिर्फ कर विभाग की नहीं है, हर भारतीय की है. जो कर देने में सक्षम हैं, लेकिन अभी वो कर नेट में नहीं है, वो देशवासी स्वप्रेरणा से आगे आएं, ये मेरा आग्रह है और उम्मीद भी."