दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

परमाणु ऊर्जा में विदेशी निवेश पर विचार कर रही सरकार

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा विचार किए जाने वाले निर्णय, भारत की परमाणु ऊर्जा नीति में प्रतिमान बदलाव होगा, और बाद में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए देश की परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश के लिए द्वार खोल देगा.

By

Published : Jan 11, 2020, 7:56 PM IST

business news, nuclear power, FDI in nuclear power, pmo, pm narendra modi, कारोबार न्यूज, परमाणु ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा में विदेशी निवेश , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
परमाणु ऊर्जा में विदेशी निवेश पर विचार कर रही सरकार

मुंबई: भारत को परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में वैश्विक खिलाड़ी बनाने के लिए, मोदी सरकार परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने पर विचार कर रही है.

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा विचार किए जाने वाले निर्णय, भारत की परमाणु ऊर्जा नीति में प्रतिमान बदलाव होगा, और बाद में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए देश की परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश के लिए द्वार खोल देगा.

पीएमओ के साथ विचार-विमर्श के बाद, परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) ने केंद्रीय कानून मंत्रालय से कानूनी राय मांगी है कि क्या एफडीआई नीति में संशोधन होने पर परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में विदेशी निवेश की अनुमति दी जा सकती है.

संयुक्त सचिव, डीएई (अनुशक्ति भवन), इस साल जनवरी के पत्र के अनुसार, "विभाग (डीएई) नीति में संशोधन के लिए परमाणु ऊर्जा आयोग से मार्गदर्शन मांगने के बाद पीएमओ पर विचार के लिए एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का प्रस्ताव करता है."

आईएएनएस द्वारा समीक्षा की गई चिट्ठी से पता चलता है कि परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी इक्विटी पर डीएई का दृष्टिकोण स्पष्ट है.

ये भी पढ़ें:कच्चे तेल की कीमतों को लेकर घबराने की कोई जरूरत नहीं: प्रधान

पत्र में कहा गया है कि परमाणु ऊर्जा अधिनियम किसी भी तरह से परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रतिबंधित नहीं करता है.

डीएई के एक अधिकारी ने सरल शब्दों में विभाग के रुख को स्पष्ट किया: "अधिनियम निजी निवेश की अनुमति देता है. हालांकि, सरकार की एफडीआई नीति परमाणु परियोजनाओं में विदेशी निवेश की अनुमति नहीं देती है. एफडीआई नीति में संशोधन होने के बाद, यह परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में और अधिक निवेश के लिए दरवाजे खोलेगी."

सूत्रों ने कहा कि वेस्टिंगहाउस इलेक्ट्रिक कंपनी (डब्ल्यूईसी) और अमेरिका की जीई-हिताची, फ्रांस की इलेक्ट्राईट डी फ्रांस (ईडीएफ) और रूस की रोजाटॉम सहित कई विदेशी कंपनियों ने भारत की परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं में भाग लेने के लिए गहरी रुचि व्यक्त की है.

सरकार के सूत्रों के अनुसार, ये बहुराष्ट्रीय कंपनियां विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि प्रौद्योगिकी, आपूर्ति या ठेकेदारों और सेवा प्रदाताओं में निवेश करने की इच्छुक हैं. हालांकि, ये विदेशी कंपनियां अभी तक देश की बढ़ती परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश नहीं कर सकती हैं, क्योंकि एफडीआई नीति उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं देती है.

भारत में, परमाणु ऊर्जा कोयला, गैस, जल-विद्युत और पवन ऊर्जा के बाद बिजली का पांचवा सबसे बड़ा स्रोत है. पिछले साल तक, भारत के 22 परमाणु रिएक्टर देश में फैले सात परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में स्थापित किए गए थे.

परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की कुल स्थापित क्षमता 6780 मेगावाट है. सूत्रों ने कहा कि अगर परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति दी जाती है, तो यह बहुत बड़े पैमाने पर विस्तार होगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details