वॉशिंगटन: कोरोना वायरस से निपटने के लिए भारतीय सरकार के यात्रा प्रतिबंधों के चलते भारतीय खुद को अकेला महसूस कर रहे हैं. इनमें अधिकतर एच-1बी वीजा धारक हैं, जिनके बच्चे अमेरिका में जन्मे हैं और प्रतिबंधों के तहत वे अब भारत नहीं जा सकते.
भारतीय सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए पिछले महीने 'वंदे भारत अभियान' शुरू किया था. इस अभियान के तहत अभी तक 1.07 लाख से अधिक भारतीय स्वदेश लौट चुके हैं.
अमेरिका में कामकाजी वीजा की समय सीमा समाप्त होने के बाद अंगुराज कैलासम को अमेरिकी कानून के तहत जितनी जल्दी हो सके देश वापस लौटना है लेकिन भारतीय कानून के तहत वह अपनी बेटी के साथ भारत वापस नहीं आ सकती.
अंगुराज ने कहा, "उसके (बेटी के) पास आपात वीजा है लेकिन मौजूदा यात्रा प्रतिबंध के कारण, हम भारत वापस नहीं जा सकते क्योंकि भारत सरकार ने सभी वीजा निलंबित कर दिए हैं."
उन्होंने कहा, "भारतीय वाणिज्य दूतावास ने आपात वीजा के मेरे अनुरोध पर विचार किया और पिछले सप्ताह इसकी अनुमति दे दी लेकिन उसके साथ भी मैं तब तक यात्रा नहीं कर सकती जब तक कि आपातकालीन या प्रवेश वीजा जैसी श्रेणियों के लिए वीजा प्रतिबंधों में छूट न दी जाए."
गोपीनाथ नागराजन ने बताया कि भारत में उनकी मां 'कोमा' (निश्चेतावस्था) में हैं. नागराजन ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, "डॉक्टरों का कहना है कि मैं जल्द वहां पहुंच जाऊं तो सही है क्योंकि उनकी जान खतरे में हैं...वह अपने आखिरी दिन काट रही हैं."