महराजगंज/जोगबानी: नेपाल सरकार ने हाल ही में एक अध्यादेश जारी कर भारतीय फल और सब्जियों के आयात पर रोक लगा दी है. नेपाल सरकार के इस आकस्मिक ऐलान से जनपद में भारत-नेपाल की सुनौली सीमा पर फल एवं सब्जियों से लदे ट्रकों की कतार लग गई है.
कच्चे माल के खराब होने की आशंका में कई व्यापारी सीमा पर ही औने-पौने दामों में माल बेचने को मजबूर हैं. अधिकतर व्यापारी माल के निर्यात के लिए नेपाली अधिकारियों से हरी झंडी मिलने के इंतजार में खड़े हैं. भारतीय अधिकारियों ने जल्द ही इस समस्या को सुलझाने की बात कही है.
वहीं दूसरी तरफ बिहार के जोगबानी में एक 'अनिश्चितकालीन सड़क नाकाबंदी' ने भारत और नेपाल के बीच पिछले 48 घंटों से जोगबानी भूमि सीमा शुल्क स्टेशन पर जाम की स्थिति बना दी है. तेल और गैस टैंकरों सहित 2,000 से अधिक ट्रक भारत-नेपाल सीमा के दोनों और फंसे हुए हैं.
क्या है पूरा मामला
भारत नेपाल की सोनौली सीमा पर फलों और सब्जियों से लदे ट्रक बीते 5 दिनों से खड़े हैं. नेपाल सरकार का मानना है कि भारत से आने वाली सब्जियों और फलों में भारी पैमाने पर कीटनाशकों का प्रयोग किया जा रहा है. इन सब्जियों और फलों को खाने से नागरिक बीमार हो रहे हैं. इस पर लगाम लगाने के लिए नेपाल सरकार ने एक फरमान जारी करते हुए भारत से सब्जियों और फलों के आयात पर रोक लगा दी है.
इसके रोक के चलते भारतीय व्यापारियों को बड़ा झटका लगा है और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर उनका माल ट्रकों में लदा पड़ा है. नेपाल सरकार ने कहा है कि भारत से आने वाले फल व सब्जियों की काठमांडू स्थित उनकी लैब में जांच की जाएगी. जांच में तय मानकों पर खरा उतरने के बाद ही माल को नेपाल में लाने की अनुमति दी जाएगी.
व्यापारियों ने बताई साजिश
वहीं व्यापारियों का कहना है कि जांच के नाम पर नेपाल सरकार भारतीय माल पर रोक लगाने की साजिश कर रही है. उनका मानना है कि जांच के लिए काठमांडू आने-जाने में ही 3 से 4 दिन लग जाएंगे. इससे सीमा पर खड़ी गाड़ियों में पड़े माल के खराब होने का अंदेशा बना रहेगा. व्यापारियों की मांग है कि सीमा पर ही ऐसी व्यवस्था की जाए जिससे उनके माल की जांच हो सके.
ये भी पढ़ें:बिहार : मछली के चोईंटा से जापान में बनेगी प्रोटीन की दवा, हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार