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पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रिकार्ड वृद्धि, सोनिया-राहुल हुए मोदी सरकार पर हमलावर

कांग्रेस की शीर्ष नेता ने दावा किया, "मैं आप सभी को याद दिलाना चाहती हूं कि 2014 के बाद मोदी सरकार ने जनता को कच्चे तेल की गिरती कीमतों का फायदा देने के बजाय पेट्रोल और डीजल पर कई बार उत्पाद शुल्क बढ़ाए जिससे उसने करीब 18 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त वसूले.यह जनता की जेब से उसकी गाढ़ी कमाई का पैसा निकालकर सरकारी खजाना भरने का जीता-जागता सबूत है."

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि, सोनिया-राहुल ने बताया सरकार का 'अन्यायपूर्ण' कदम
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि, सोनिया-राहुल ने बताया सरकार का 'अन्यायपूर्ण' कदम

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Published : Jun 29, 2020, 3:28 PM IST

Updated : Jun 29, 2020, 4:43 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को 'अन्यायपूर्ण' करार दिया और महामारी के समय इस वृद्धि को तत्काल वापस लेकर देश की जनता को राहत प्रदान करने का नरेंद्र मोदी सरकार से सोमवार को आग्रह किया.

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हुई 'अन्यायपूर्ण' बढ़ोतरी को तत्काल वापस ले सरकार: सोनिया

सोनिया ने सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी करके लाखों करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व एकत्र करने का दावा किया और कहा कि गत मार्च महीने के बाद से उत्पाद शुल्क में की गई बढ़ोतरी को भी वापस लिया जाए.

सोनिया ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ कांग्रेस की ओर से सोशल मीडिया में चलाए गए 'स्पीक अप अगेंस्ट फ्यूल हाइक' अभियान के तहत वीडियो संदेश जारी करके सरकार से यह मांग की. कांग्रेस के मुताबिक, उसके नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ोतरी के खिलाफ सोमवार को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया और संबंधित जिला प्रशासनों को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपा.

सोनिया ने कहा, "एक तरफ कोरोना महामारी के कहर और दूसरी तरफ पेट्रोल-डीजल की महंगाई ने देशवासियों का जीना मुश्किल कर दिया है. आज देश की राजधानी दिल्ली और अन्य बड़े शहरों में पेट्रोल और डीजल दोनों की कीमतें 80 रुपये प्रति लीटर के पार चली गई हैं."

उन्होंने आरोप लगाया, "25 मार्च को लगाए गए लॉकडाउन के बाद पिछले तीन महीनों में मोदी सरकार ने 22 बार पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाईं. सरकार ने उत्पाद शुल्क बढ़ाकर भी सालाना लाखों करोड़ रुपये कमाने का काम किया. यह सब तब हो रहा है जब कच्चे तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार कम हो रही हैं."

कांग्रेस की शीर्ष नेता ने दावा किया, "मैं आप सभी को याद दिलाना चाहती हूं कि 2014 के बाद मोदी सरकार ने जनता को कच्चे तेल की गिरती कीमतों का फायदा देने के बजाय पेट्रोल और डीजल पर कई बार उत्पाद शुल्क बढ़ाए जिससे उसने करीब 18 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त वसूले.यह जनता की जेब से उसकी गाढ़ी कमाई का पैसा निकालकर सरकारी खजाना भरने का जीता-जागता सबूत है."

ये भी पढ़ें:रिकार्ड ऊंचाइयों पर तेल के दाम, एक महीने के अंदर पेट्रोल 9.17 और डीजल 11.23 रुपये हुआ महंगा

उन्होंने कहा, "सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वह मुश्किल समय में देशवासियों का सहारा बने और किसी मुश्किल का फायदा नहीं उठाए तथा मुनाफाखोरी नहीं करे."

सोनिया ने आरोप लगाया, "पेट्रोल और डीजल की कीमत में अन्यायपूर्ण बढ़ोतरी करके सरकार ने देशवासियों से जबरन वसूली का एक नया उदाहरण पेश किया है. यह न केवल अन्यायपूर्ण, बल्कि संवेदनहीन भी है. इसकी सीधी चोट किसान, गरीबों, मध्य वर्ग और छोटे उद्योगों पर पड़ रही है."

उन्होंने कहा, "मैं मोदी सरकार से मांग करती हूं कि कोरोना महामारी के संकट के समय बढ़ाई पेट्रोल-डीजल की कीमत फौरन वापस ली जाए. मार्च से अब तक उत्पाद शुल्क में की गई बढ़ोतरी को भी वापस लिया जाए और इसका फायदा देशवासियों को दिया जाए. आर्थिक संकट के इस कठिन समय में यह बहुत बड़ी राहत होगी."

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी तत्काल वापस ले सरकार: राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को लेकर सोमवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि देश के गरीबों, मजदूरों और मध्य वर्ग को राहत देने के लिए पेट्रोलियम उत्पादों के दाम में वृद्धि तत्काल वापस ली जाए.

उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वायरस महामारी, बेरोजगारी और 'आर्थिक तूफान' के इस दौर में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी करके सरकार आम लोगों पर सीधी चोट कर रही है.

गांधी ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ कांग्रेस की ओर से सोशल मीडिया में चलाए गए 'स्पीक अप अगेंस्ट फ्यूल हाइक' (पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ आवाज बुलंद करो) अभियान के तहत वीडियो संदेश जारी करके यह टिप्पणी की.

उन्होंने कहा, "कोरोना, बेरोजगारी और आर्थिक तूफान आया हुआ है। इस तूफान से सबको नुकसान हुआ है. अमीरों को चोट लगी है, गरीबों को चोट लगी, गरीबों और मजदूरों को चोट लगी है. लेकिन सबसे ज्यादा दर्द मजदूरों, किसानों, मध्य वर्ग और वेतन भोगी वर्ग को हुआ है."

कांग्रेस नेता ने कहा, "हमने कहा था कि इन वर्गों की सरकार को आर्थिक मदद करनी पड़ेगी. हमने सुझाव दिया था कि 'न्याय' योजना की तर्ज पर हर गरीब आदमी के खाते में कुछ महीने के लिए सीधे पैसे डालिए. इसके साथ ही एमएसएमई के लिए पैकेज का आग्रह भी किया था."

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने गरीबों और छोटे कारोबारियों को राहत देने के बजाय 15 सबसे अमीरों के कर्ज बट्टे खाते में डाल दिए.

राहुल गांधी ने आरोप लगाया, "सरकार ने सबसे बड़ा गलत काम यह किया कि हाल के समय में पेट्रोल और डीजल की कीमत में 22 बार बढ़ोतरी की. इससे कमजोर और गरीब लोगों को सीधी चोट की गई."

उन्होंने कहा, "कच्चे तेल की कीमत लगातार गिर रही है. हमने यह मांग की है कि उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी को वापस लिया जाए और पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी को भी तत्काल वापस लिया जाए."

गौरतलब है कि पेट्रोल, डीजल के दाम में वृद्धि का सिलसिला लगातार 22वें दिन सोमवार को भी जारी रहा. डीजल के दाम सोमवार को 13 पैसे बढ़कर 80.53 रुपये प्रति लीटर की नई ऊंचाई पर पहुंच गये.

पिछले तीन सप्ताह में डीजल के दाम में कुल मिलाकर 11.14 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हो चुकी है.

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के मुताबिक सोमवार को पेट्रोल के दाम में पांच पैसे प्रति लीटर और डीजल के दाम में 13 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई.

इस वृद्धि के बाद दिल्ली में पेट्रोल का दाम 80.38 रुपये से बढ़कर 80.43 रुपये प्रति लीटर और डीजल का दाम 80.40 रुपये से बढ़कर 80.53 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया.

(एजेंसी इनपुट्स के साथ)

Last Updated : Jun 29, 2020, 4:43 PM IST

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