नई दिल्ली: गैस क्षेत्र में सुधारों को आगे बढ़ाते हुये सरकार ने बुधवार को बिना नियमन वाले क्षेत्रों से निकलने वाली गैस को बेचने की पूरी तरह से छूट दे दी. इससे रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों को फायदा होगा और वह अपनी सहयोगी कंपनियों को गैस की बिक्री कर सकेंगी.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में गैस मूल्य की खोज के लिये एक मानक इलेक्ट्रानिक- बोली प्रक्रिया को मंजूरी दी गई. सरकार ने 2016 से लेकर 2019 के बीच सभी क्षेत्रों को मूल्य तय करने की आजादी दे दी थी.
हालांकि, तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) और आयल इंडिया लिमिटेड (आयल) को नामांकन आधार पर दिये गये क्षेत्रों को इसमें शामिल नहीं किया गया था. मूल्य निर्धारण की आजादी दी गई लेकिन गैस बिक्री को लेकर कई तरह के प्रतिबंधों को जारी रखा गया.
गैस उत्पादक उससे जुड़ी सहयोगी कंपनियों को गैस की बिक्री नहीं कर सकते थे और कई मामलों में तो सरकार द्वारा नामित किसी अधिकारी को ही गैस उठाने को प्राधिकृत कर दिया गया था. इससे प्रतिस्पर्धा में रुकावट आई और दाम भी कृत्रिम रूप से नीचे रहीं .
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धमेन्द्र प्रधान ने यहां सेवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने प्राकृतिक गैस विपणन के क्षेत्र में सुधारों को मंजूरी दे दी.
उन्होंने कहा कि इससे ओएनजीसी और आयल इंडिया लिमिटेड द्वारा उन्हें नामांकन आधार पर दिये गये गैस क्षेत्रों से निकलने वाली गैस के दाम में कोई बदलाव नहीं होगा. इनके लिये हाल ही में 1.79 डालर प्रति इकाई (प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट) की दर तय की गई है.