नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि कर अधिकारियों ने फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) चालान का उपयोग करके आईजीएसटी रिफंड का दावा करने वाले तीन फर्मों को बुक कर 3 लोगों को गिरफ्तार किया है.
हालांकि गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम को रोक दिया गया है, लेकिन जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) के अधिकारियों ने तीन फर्मों, फॉर्च्यून ग्राफिक्स लिमिटेड, रीमा पॉलीकेम प्राइवेट लिमिटेड और गणपति एंटरप्राइजेज को बुक किया है.
वित्त मंत्रालय ने कहा, "ये फर्म माल की वास्तविक आपूर्ति के बिना चालान जारी करने में शामिल थीं."
हाल ही में, टैक्स अधिकारियों ने डेटा एनालिटिक्स और अन्य परिष्कृत उपकरणों का उपयोग करके कर चोरों के खिलाफ नियमों को सख्त बनाया है, जिससे उन्हें फर्जी जीएसटी चालान के उपयोग में शामिल कंपनियों और व्यक्तियों की पूरी श्रृंखला का पता लगाने में मदद मिली.
कर अधिकारियों द्वारा इन तीन मामलों का पता एक निर्यातक अनन्या एक्जिम के खिलाफ एक अन्य मामले से प्राप्त जानकारी का उपयोग करके भी लगाया गया था, जो लगभग 9 महीने पहले डीजीजीआई और राजस्व खुफिया निदेशालय के संयुक्त अभियान में पता लगाया गया था.
कथित रूप से आईजीएसटी रिफंड का दावा करने के लिए निर्यातक नकली जीएसटी चालान का उपयोग कर रहे थे.
जांच के दौरान, डीजीजीआई के अधिकारियों ने पाया कि रीमा पॉलीकेम, फॉर्च्यून ग्राफिक्स लिमिटेड और गणपति एंटरप्राइजेज ने 4,100 करोड़ रुपये से अधिक के चालान जारी किए हैं. जांच में पता चला कि इन फर्जी चालान का इस्तेमाल 600 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने के लिए किया गया था.