नई दिल्ली : दिवाली पर इस साल ₹ 1.25 लाख करोड़ का कारोबार हुआ है जो पिछले 10 साल में सबसे ज्यादा है. ऐसा कहना है कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) का.
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने कहा कि लोग त्योहारों पर खरीदारी के लिए बाजारों में उमड़ पड़े और 1.25 लाख करोड़ रुपये का कारोबार करने में मदद की, जो दिवाली के अवसर पर पिछले 10 वर्षों में एक रिकॉर्ड व्यापार आंकड़ा है. कैट लगभग सात करोड़ व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करता है.
कैट ने कहा कि इस तरह की भारी खरीदारी ने व्यापार में पिछले दो वर्षों से जारी आर्थिक मंदी को समाप्त कर दिया है. इसने निकट भविष्य में व्यापारिक समुदाय के बीच बेहतर व्यावसायिक संभावनाओं की आस भी जगाई है. कैट ने कहा कि दिवाली के जबरदस्त कारोबार से उत्साहित देश भर के व्यापारी अब 14 नवंबर से शुरू हो रहे शादी के सीजन की तैयारी कर रहे हैं.
CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, 'इस साल के दिवाली त्योहार में पूरे देश में लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये का अनुमानित कारोबार है, जो पिछले एक दशक में अब तक का रिकॉर्ड आंकड़ा है. अकेले दिल्ली में यह कारोबार लगभग 25,000 करोड़ रुपये का था.'
चीन को लगा 50,000 करोड़ रुपये का झटका
भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि इस बार देश भर के बाजारों में चीनी सामान बिल्कुल नहीं बिका और ग्राहकों का विशेष जोर भारतीय सामानों की खरीद पर था, जिससे चीन को 50,000 करोड़ रुपये से अधिक के व्यापार का सीधा नुकसान हुआ. दीवाली त्योहार की पारंपरिक वस्तुओं मिट्टी के दीपक, मिट्टी के दीयों, रंगीन सजावट, मोमबत्तियां और पेपर माछ लैंप थे की खास मांग रही, जिसने छोटे कुम्हारों, शिल्पकारों, हस्तशिल्पियों को पर्याप्त व्यवसाय दिया. अन्य उत्पाद जो भारी मांग में थे उनमें मिठाई, सूखे मेवे, जूते, घड़ियां, खिलौने, गृह सज्जा और फैशन के कपड़े शामिल थे.
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