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कोरोना से पोल्ट्री कारोबार तबाह, नहीं मिल रहा मुर्गों को दाना - poultry business is difficult to recover

पॉल्ट्री कारोबारी ने बताया कि एक तो पोल्ट्री फीड नहीं मिल रहा है, दूसरी सबसे बड़ी समस्या है आवाजाही का साधन न मिलना, जिस कारण वे बाजार में चिकन भेज नहीं पा रहे हैं.

कोरोना से पोल्ट्री कारोबार तबाह, नहीं मिल रहा मुर्गों को दाना
कोरोना से पोल्ट्री कारोबार तबाह, नहीं मिल रहा मुर्गों को दाना

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Published : Mar 29, 2020, 11:08 AM IST

नई दिल्ली: कोरोना के कहर से पोल्ट्री कारोबारियों को उबरना मुश्किल हो गया है. पहले चिकन से कोरोना फैलने के अफवाह के कारण पोल्ट्री कारोबार तबाह हो गया और अब लॉकडाउन के कारण पैदा हुई परिवहन की समस्या से चिकन की बिक्री ठप्प पड़ गई है.

पोल्ट्री कारोबार से जुड़े लोग बताते हैं कि उनके सामने अब मुर्गो के लिए दाना जुटाने की चुनौती आ खड़ी हुई है.

हरियाणा के एक पॉल्ट्री कारोबारी ने बताया कि एक तो पोल्ट्री फीड नहीं मिल रहा है, दूसरी सबसे बड़ी समस्या है आवाजाही का साधन न मिलना, जिस कारण वे बाजार में चिकन भेज नहीं पा रहे हैं.

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उन्होंने बताया कि रास्ते में पुलिस रोकती देती है, इसलिए कोई गाड़ी वाला रोड पर निकलने को तैयार नहीं है.

हालांकि हरियाणा के अंबाला जिले के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी निशांत राठी ने फोन पर बताया कि देशव्यापी लॉकडाउन को लेकर प्रदेश में खाने-पीने की चीजों समेत सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति हो रही है.

जानकार बताते हैं कि हरियाणा ही नहीं, मध्यप्रदेश, राजस्थान और दिल्ली समेत अन्य सभी राज्यों में भी सब्जी, फल, अंडे, अनाज समेत सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुगम बनाने की दिशा में सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं. मगर, परिवहन की सुविधा नहीं होने से इन वस्तुओं की सप्लाई चेन प्रभावित हुई है.

कोरोनावायरस के प्रकोप पर लगाम लगाने के लिए देशभर में तीन सप्ताह तक लॉकडाउन है और इस दौरान रेल, सड़क एवं हवाई परिवहन पर बंद है, लेकिन आवश्यक सेवाएं जारी हैं.

इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीते दिनों फिर अपने आदेश में संशोधन करते हुए कृषि उत्पादों की आपूर्ति सुगम बनाने के लिए खेती व किसानी से जुड़े कार्यों व मंडियों के कारोबार को लॉकडाउन में छूट दी.

कृषि अर्थशास्त्री और पॉल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के सलाहकार विजय सरदाना ने आईएएनएस बातचीत में कहा कि इस संबंध में पुलिस को अपडेट करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि जिले से लेकर थाना पुलिस व पेट्रोलिंग दस्ते तक इसकी जानकारी पहुंचाने की जरूरत है, ताकि वे आवश्यक वस्तुओं के परिवहन में व्यवधान न डालें.

पॉल्ट्री कारोबारियों द्वारा मुर्गो को मारे जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर सरदाना ने कहा कि मुर्गो को खिलाने में उनका जितना खर्च हो रहा है उतना भी पैसा उनको नहीं मिल रहा है तो फिर उनको मारने के सिवा कारोबारियों के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं बचता है.

मुर्गीपालन के व्यवसाय से जुड़े संतोष कुमार ने बताया कि सोशल मीडिया पर जबसे यह अफवाह फैली है कि चिकन से कोरोनावायरस फैलता है, तब से पोल्ट्री बिजनेस बर्बादी के कगार पर आ गया है, क्योंकि लोगों ने चिकन खाना छोड़ दिया है. अब यह अफवाह तो दूर हो गई है, फिर भी मांग उतनी नहीं है जितनी पहले थी.

(आईएएनएस)

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