दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

यूपीआई भुगतान क्षेत्र में बाजार हिस्सेदारी सीमा तय करने का असर ग्राहकों पर पड़ेगा - फोनपे

एनपीसीआई के सीमा तय करने का मतलब अब गूगल पे, फोनपे और पेटीएम जैसी कंपनियां यूपीआई के तहत होने वाले कुल लेनदेन में अधिकतम 30 प्रतिशत लेनदेन का ही प्रबंध कर पाएंगी. देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने में इन कंपनियों की अहम भूमिका है.

यूपीआई भुगतान क्षेत्र में बाजार हिस्सेदारी सीमा तय करने का असर ग्राहकों पर पड़ेगा
यूपीआई भुगतान क्षेत्र में बाजार हिस्सेदारी सीमा तय करने का असर ग्राहकों पर पड़ेगा

By

Published : Nov 7, 2020, 11:51 AM IST

नई दिल्ली:डिजिटल भुगतान कंपनी गूगल पे ने कहा कि यूपीआई लेनदेन को लेकर एनपीसीआई द्वारा अधिकतम 30 प्रतिशत की हिस्सेदारी तय करने का लाखों ग्राहकों पर असर होगा. साथ ही भविष्य में लोगों के डिजिटल भुगतान प्रणाली अपनाने पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव हो सकता है. वहीं गूगल पे की प्रतिद्वंदी पेटीएम और फोनपे ने इस फैसले पर संतुलित प्रतिक्रिया दी है.

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने बृहस्पतिवार को किसी तीसरे पक्ष (टीपीएपी) द्वारा चलायी जाने वाली यूपीआई भुगतान सेवा के लिए लेनदेन की सीमा कुल लेनदेन की संख्या के 30 प्रतिशत तय कर दी. एनपीसीआई की ओर से लगायी गयी यह सीमा एक जनवरी 2021 से लागू होगी.

एनपीसीआई के सीमा तय करने का मतलब अब गूगल पे, फोनपे और पेटीएम जैसी कंपनियां यूपीआई के तहत होने वाले कुल लेनदेन में अधिकतम 30 प्रतिशत लेनदेन का ही प्रबंध कर पाएंगी. देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने में इन कंपनियों की अहम भूमिका है.

गूगल की नेक्स्ट बिलियन यूजर पहल और गूगल पे के भारतीय कारोबार के प्रमुख सजित शिवनंदन ने एक बयान में कहा, "भारत में डिजिटल भुगतान अभी भी शैश्वास्था में है. ऐसे में इस समय बाजार में किसी भी तरह का हस्तक्षेप ग्राहकों की पसंद और नवोन्मेष को बढ़ावा देने पर ध्यान देते हुए किया जाना चाहिए. इस समय एक विकल्प आधारित और खुली व्यवस्था ही इसे आगे बढ़ाने वाली होगी."

उन्होंने कहा कि एनपीसीआई की घोषणा अचंभे में डालने वाली है. यह यूपीआई लेनदेन का दैनिक आधार पर उपयोग करने वाले लाखों ग्राहकों पर असर डाल सकती है. साथ वित्तीय समावेशन के लक्ष्य को पाने को भी प्रभावित करेगी.

ये भी पढ़ें:जीडीपी के बेहतर आकलन के लिए डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दें : सीतारमण

इस बारे में फोनपे के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी समीर निगम ने कहा कि कंपनी ने एनपीसीआई के फैसले की समीक्षा की है और वह अपने ग्राहकों को भरोसा दिलाती है कि फोनपे पर किसी भी तरह के यूपीआई लेनदेन को लेकर कोई जोखिम नहीं है.

उन्होंने कहा कि एनपीसीआई ने अपने बयान में स्पष्ट किया है कि 30 प्रतिशत की यह सीमा मौजूदा टीपीएपी पर जनवरी 2023 तक लागू नहीं होंगी. फोनपे इस परिपत्र के चलते ग्राहकों को किसी भी तरह की बाधा नहीं पहुंचे, इसके लिए प्रतिबद्ध है.

वहीं पेटीएम के प्रवक्ता ने कहा देश की डिजिटल भुगतान प्रणाली में यूपीआई का अहम हिस्सा है. विभिन्न ऐप के लेनदेन की सीमा तय करके एनपीसीआई ने यूपीआई मंच का विविधीकरण सुनिश्चित किया है, साथ ही उसका जोखिम भी कम किया है.

(पीटीआई-भाषा)

ABOUT THE AUTHOR

...view details