हैदराबाद : कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के लिए तेलंगाना में लगे लॉकडाउन को 5 दिन हो चुके हैं. आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने 4 घंटे की छूट दी है. वहीं जांच कम होने के कारण पिछले कुछ महीनों में राज्य में मामलों की संख्या कम बनी हुई है.
राज्य में पॉजिटिविटी रेट करीब 7 फीसदी है. एक घरेलू बुखार सर्वेक्षण में लगभग 2 लाख लोगों में कोविड-19 के लक्षण थे. महामारी के कारण, सरकारी खजाने में राजस्व गिर गया है. आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर, पिछले लॉकडाउन के दौरान अन्य सभी आर्थिक गतिविधियां ठप हो गईं. राजस्व पर असर इस बार भी देखा जा सकता है.
महामारी नियंत्रण उपायों के हिस्से के रूप में, तेलंगाना सरकार ने 12 मई को सुबह 10 बजे से लॉकडाउन की घोषणा कर दी. सरकार ने हर दिन सुबह 6 से 10 बजे के बीच 4 घंटे की छूट दी, ताकि लोग अपनी आवश्यक गतिविधियों को कर सकें.
आरटीसी बसों और मेट्रो ट्रेनों के समय में भी आवश्यक संशोधन किया गया है. मूवी थिएटर, क्लब, पब, खेल के मैदान, मनोरंजन स्थल और पार्क पूरी तरह से बंद हैं. शादियों और अंत्येष्टि के लिए भी एक सीमा है, जो क्रमश: 40 और 20 लोग है.
चिकित्सा, विनिर्माण, कृषि और इससे संबद्ध क्षेत्रों की गतिविधियों को लॉकडाउन से छूट दी गई है. ई-कॉमर्स फर्मों को लॉकडाउन के दौरान डिलीवरी की अनुमति है. सरकारी कार्यालय 33 प्रतिशत स्टाफ के साथ काम कर रहे हैं.
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पूरे राज्य में 20 घंटे के लॉकडाउन को सख्ती से लागू किए जाने से कई गतिविधियां ठप हो गईं. 4 घंटे की छूट के बावजूद, अधिकांश लोग केवल किराने का सामान खरीदने के लिए बाहर जाने तक हैं. हालांकि, कुछ जगहों पर सुबह के समय भी काफी भीड़ रहती है.
यह प्रतिबंध 21 मई तक लागू रहेंगे. राज्य मंत्रिमंडल 20 मई को स्थिति की समीक्षा करने के लिए बैठक करेगी. हालांकि पिछले 5 दिनों में सार्वजनिक गतिविधि पर लगाम लगाई गई है, लेकिन वायरस के प्रसार में उल्लेखनीय कमी नहीं आई होगी.
20 मई को मंत्रिमंडल चर्चा करेगी कि क्या लॉकडाउन अवधि की अवधि को 10 दिन से आगे बढ़ाया चाहिए. तेलंगाना में जांच की दर भी काफी कम है. नतीजतन, कोरोना संक्रमितों की संख्या और पॉजिटिविटी रेट भी रास्ट्रीय औसत से नीचे है.