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चीनी कंपनी वीवो को आईपीएल के मुख्य प्रायोजक बनाए रखने को लेकर आलोचना में घिरी बीसीसीआई

भारत के शीर्ष व्यापार निकाय, अखिल भारतीय व्यापारियों के परिसंघ (कैट) ने इस फैसले की कड़ी निंदा की है और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर इस आयोजन को रद्द करने की मांग की है.

चीनी कंपनी वीवो को आईपीएल के मुख्य प्रायोजक बनाए रखने को लेकर आलोचना में घिरी बीसीसीआई
चीनी कंपनी वीवो को आईपीएल के मुख्य प्रायोजक बनाए रखने को लेकर आलोचना में घिरी बीसीसीआई

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Published : Aug 3, 2020, 6:29 PM IST

Updated : Aug 3, 2020, 6:55 PM IST

हैदराबाद: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की गवर्निंग काउंसिल ने रविवार को घोषणा की कि इस साल यूएई में क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित किया जाएगा और चीनी मोबाइल कंपनी वीवो सहित सभी प्रायोजकों को बरकरार रखा जाएगा. जिसके बाद से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

गवर्निंग काउंसिल ने रविवार को एक आभासी बैठक के बाद घोषित किया, आईपीएल 19 सितंबर से 10 नवंबर तक खेला जाएगा.

भारत के शीर्ष व्यापार निकाय, अखिल भारतीय व्यापारियों के परिसंघ (कैट) ने इस फैसले की कड़ी निंदा की है और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर इस आयोजन को रद्द करने की मांग की है.

पत्र में, कैट के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, "ऐसे समय में जब पिछले महीने में भारतीय सीमाओं पर चीनी आक्रमण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र के दूरदर्शी नेतृत्व में चीन और केंद्र सरकार के खिलाफ भारत के लोगों की भावनाओं को बहुत अधिक बढ़ावा दिया और प्रधानमंत्री मोदी 'स्थानीय लोगों के लिए मुखर' और 'आत्मनिर्भर भारत' के अपने आह्वान का समर्थन कर रहे हैं, बीसीसीआई का निर्णय सरकार की व्यापक नीति के विपरीत है."

पत्र में कहा गया है कि "बीसीसीआई का निर्णय लोगों की सुरक्षा की घोर अवहेलना करते हुए और पैसे की लालसा को दिखाता है और इसमें चीनी कंपनियां भी शामिल हैं."

खंडेलवाल ने यह भी उल्लेख किया कि बीसीसीआई को इस साल आईपीएल के आयोजन से बचना चाहिए था, खासकर जब ओलंपिक और विंबलडन जैसे बड़े खेल आयोजन बंद कर दिए गए हों. बीसीसीआई ने भारत में होने वाले आईपीएल के आयोजन को दुबई में आयोजित करने के लिए चुना है, जो स्पष्ट रूप से आईपीएल को आयोजित करने के अपने संकल्प के बारे में बात करता है. बीसीसीआई के इस तरह के रवैये पर बहुत पछतावा होता है.

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दिलचस्प बात यह है कि बीसीसीआई के सचिव जय शाह, जो अमित शाह के बेटे भी हैं, ने रविवार को आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में भाग नहीं लिया था. जून में पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच सीमा संघर्ष के बाद देश में चीन विरोधी भावना के फैलने के बाद क्रिकेट के लिए राष्ट्रीय शासी निकाय ने वीवो जैसी चीनी कंपनियों के साथ आईपीएल के प्रायोजन सौदों की समीक्षा करने का वादा किया था.

नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी बीसीसीआई के फैसले पर चुटकी लेते हुए कहा कि लोगों को चीनी सामान के बहिष्कार के लिए भी कहा जा रहा है, वहीं क्रिकेट टूर्नामेंट को चीन से अपने सभी प्रायोजकों को बनाए रखने की अनुमति दी गई है.

अब्दुल्ला ने एक ट्वीट कर कहा, "चीनी सेलफोन निर्माता आईपीएल के शीर्षक प्रायोजक के रूप में जारी रहेंगे, जबकि लोगों को चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए कहा जाता है. कोई आश्चर्य नहीं है कि चीन अब हमें अपनी नाक दिखाएगा, जब हम चीनी पैसे / निवेश / प्रायोजन / विज्ञापन को संभालने के बारे में बहुत भ्रमित हैं."

उन्होंने एक और ट्वीट में कहा, "मैं उन बेवकूफों के लिए बुरा महसूस करता हूं जिन्होंने ये दिन देखने के लिए अपने चीनी टीवी को अपने बालकनी से फेंक दिया था.

(ईटीवी भारत रिपोर्ट)

Last Updated : Aug 3, 2020, 6:55 PM IST

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