नई दिल्ली: हर बार चुनाव में राजनीतिक पार्टियां बड़े-बड़े वादे करती हैं. वादे पूरे न कर सकने पर सभी दल और उम्मीदवार सफाई भी देते हैं.हालांकि, अब चुनाव आयोग ऐसे रवैये पर सख्त रूख अपना सकता है. चुनावी वादों के संबंधमेंआज किसान यूनियन ने चुनाव आयोग को एक ज्ञापन सौंपा. इसमें उम्मीदवारों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई है.
किसान यूनियन का कहना है कि चुनाव जीतने के बाद राजनीतिक दलों द्वारा जनता से किए गए वादे अक्सर धुएंकी तरह उड़ जाते हैं. फिर अगले चुनाव में राजनीतिक पार्टियां जनता के सामने और वादों का पिटारा लेकर आती है. यह सिलसिला इसी तरह आगे बढ़ता चला जाता है.
इसी बीच राजनीतिक और चुनावी वादों से तंग आकर आज किसान यूनियन के नेताआज चुनाव आयोग पहुंचे. उन्होंने आयोग सेभविष्य में ऐसे राजनीतिक दलों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की है जो चुनाव में किए गए वादों को पूरा करने में विफल रहते हों.
भारतीय किसान यूनियन ने मांग की है कि चुनावी घोषणा पत्र को कानूनी दस्तावेज माना जाए.