नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में दिल्ली कांग्रेस कमेटी को जिस तरीके परिणाम मिले उसके बाद अध्यक्ष शीला दीक्षित ने एक जांच कमेटी बनाई थी. जिसमें 5 सदस्यों को रखा गया था और इसके परिणाम आने के बाद ही 280 ब्लॉक अध्यक्षों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया.
इस बाबत अब दिल्ली कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ता बागी होते हुए दिखाई दे रहे हैं. जानकारी के मुताबिक कांग्रेस मुख्यालय के दफ्तर पर ब्लॉक कमेटी को भंग करने के मामले में कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिल कर एक डेलिगेशन की मांग रखी है.
ब्लॉक अध्यक्षों को हटाए जाने पर कार्यकर्ता हुए नराज क्या बोले कार्यकर्ता
दिल्ली कांग्रेस कमेटी में सीनियर लीडर छतर सिंह इस बाबत दिल्ली मुख्यालय पहुंचे. जहां पर उन्होंने कहा कि दिल्ली कांग्रेस कमेटी की ओर से 280 ब्लॉक अध्यक्षों को हटाया जाना बेहद ही गलत है. अगर उन्होंने बेहतर तरीके से काम नहीं किया तो उसके लिए दूसरा रास्ता भी निकाला जा सकता था. लेकिन ऐसा नहीं हो सकता कि 280 में से 280 ब्लॉक अध्यक्ष ने काम नहीं किया.
उन्होंने कहा कि हम इस पूरे मामले को लेकर राहुल गांधी से मांग करते हैं कि वह ब्लॉक अध्यक्षों को हटाए जाने पर कदम उठाएं.
गुटबाजी के शिकार हुए ब्लॉक प्रेसीडेंट
वही अन्य कार्यकर्ताओं का कहना है कि जिस तरीके से ब्लॉक अध्यक्ष को हटाया गया है. वह सिर्फ और सिर्फ एक गुटबाजी का नतीजा है. लोकसभा चुनाव में हार का ठीकरा ब्लॉक प्रेसिडेंट पर फोड़ना गलत है और इसके लिए केवल ब्लॉक अध्यक्ष ही नहीं पूरी दिल्ली कांग्रेस कमेटी जिम्मेदार होनी चाहिए थी. इसलिए अगर हमें हटाया जा रहा है तो बाकी अन्य प्रेसिडेंट को भी हटाया जाना चाहिए.