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'नो व्हीकल जोन' से ठप हुआ अजमल खान मार्केट का व्यापार! - Businessman

अजमल खान मार्केट को नो व्हीकल जोन बनाएं जाने के बाद व्यापारियों की ग्राहकी में 60 से 70% की कमी आई है. साथ ही ग्राहकों को भी पार्किंग की सुविधा ना होने के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

अजमल खान मार्केट

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Published : Jun 20, 2019, 10:22 PM IST

Updated : Jun 20, 2019, 11:45 PM IST

नई दिल्ली: करोल बाग की अजमल खान मार्केट को नो व्हीकल जोन बनाएं जाने के बाद एक महीना बीतने को है. अजमल खान मार्केट को नो व्हीकल जोन बनाएं जाने से सफाई की व्यवस्था काफी हद तक अच्छी हो गई है. उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने पेड़ पौधे तो जरूर लगाए हैं साथ ही बेंच भी लगाए हैं लेकिन उनकी देखरेख नहीं हो रही है.


जिसकी वजह से कहीं पेड़ों को डस्टबिन से बांधकर रखा गया है तो कहीं पेड़ों को बेंच से बांधा गया है. यहां तक कि गमले भी टूटे हुए हैं और किसी-किसी पौधे के गमले ही गायब है.

'नो व्हीकल जोन' से व्यापारी नाराज


इस बदलाव को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने व्यापारियों से लेकर आम लोगों से भी जाना कि वह किस तरह से देखते हैं इस नए बदलाव को.

व्यापारियों ने जताई नाराजगी
व्यापारियों का कहना है कि पिछले 1 महीने से ग्राहकी में 60 से 70% की कमी आई है. जो पिछले कुछ सालों में सबसे बुरा समय रहा है. व्यापारियों ने बताया कि सुबह 10:00 बजे यहां दुकानें खुलती हैं उसके बाद से शाम तक हमें अपनी बोहनी के लिए वेट करना पड़ता है, जबकि पहले ऐसा नहीं था. व्यापारियों ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि हम से बिना पूछे और बिना हमारी सलाह लिए मार्केट को नो व्हीकल जोन में तब्दील कर दिया गया.


जानकारी के मुताबिक 2007 में पार्किंग के नाम पर 100 करोड़ रुपये की बड़ी योजना बनाई गई थी. लेकिन अभी तक करोल बाग की अजमल खान रोड मार्केट पर पार्किंग उपलब्ध नहीं कराई गई. जो पार्किंग मिली भी है वह मार्केट से काफी दूर है और वहां पर उस तरह की सुविधाएं नहीं है कि लोग अपनी गाड़ियों को खड़ा करके सुरक्षित महसूस कर सके.

कुछ खुश तो कुछ नाराज
जहां एक तरफ व्यापारी वर्ग पूरी तरह से नो व्हीकल जोन के खिलाफ नजर आए तो वहीं दूसरी तरफ आम लोगों की तरफ से भी नो व्हीकल जोन को लेकर मिलाजुला रिएक्शन मिला. कुछ लोग जो अपनी गाड़ी में आए थे. उनका कहना था कि इस मार्केट में अंदर आने के लिए पार्किंग के 100 रूपए देने पड़ते हैं. उसमें भी 10 तरह की समस्या है.


लोगों का कहना है कि मार्केट काफी लंबी चौड़ी है कि घूमने के लिए यहां पर कोई व्यवस्था नहीं है. लोगों को काफ़ी पैदल घूमना पड़ता है. मार्किट में कई बड़े बुजुर्ग लोग भी आते हैं जिनके लिए कोई व्यवस्था नहीं है.


कुछ लोगों का कहना है कि मार्केट में जो व्यवस्था है उससे काफी खुश हैं. पहले मार्केट में धक्का-मुक्की ज्यादा होती थी जिसकी वजह से यहां चलना भी दूभर था लेकिन अब मार्केट में आराम से घूमा जा सकता है.

Last Updated : Jun 20, 2019, 11:45 PM IST

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